प्रदेश में महाराष्ट्र जैसे राज्यों से तुअर आयात किया जाता है। इससे 134 तुअर दाल उद्योगों को गति मिलती है। ये उद्योग 6 लाख टन दाल तैयार करते हैं। अभी आयतित तुअर पर मंडी टैक्स लगता है, जिस पर सरकार ने अब राहत दी है। इससे जीएसटी संग्रहण में मदद मिलेगी,हालांकि मंडी राजस्व में 20 करोड़ तक कम होगा। वहीं कर्नल सोफियाकुरैशी के खिलाफ 11 मई को बेशर्मीभरे बयान का मामला तूल पकडऩे के बाद मंत्री विजय शाह कैबिनेट बैठकमें शामिल हुए। इससे पहले वे 13 मई की कैबिनेट में आए। राजबाड़ा, भोपाल व पचमढ़ी कैबिनेट में शामिल नहीं हुए।
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मजरे-टोलों को पक्की सड़कों से जोडऩे का काम 10 वर्षों में पूरा होगा। पहला चरण 2025-26 से 2029-30 तक चलेगा। दूसरा चरण 2030-31 से 2034-35 तक चलेगा। 30,900 किमी लंबी सड़कों का जाल बिछेगा।
20 घर और 100 आबादी वाले टोले भी पात्र
75 साल में गांवों की आबादी तेजी से बढ़ी है। संयुक्त परिवार स्वतंत्र इकाई के रूप में स्थापित हो रहे हैं। इससे पंचायत व गांवों का दायरा तेजी से बढ़ा है, पर कई मजरे और टोले अधोसंरचनात्मक विकास से छूट गए। इसका कारण आबादी कम होना रहा। मोहन सरकार ने मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना में इसका प्रावधान किया है कि जिन गांवों के मजरे टोलों में मकान 20, आबादी 100 से ज्यादा और क्षेत्रफल 6 हजार वर्ग मीटर या इससे अधिक होगा, वे इस योजना के तहत पक्की सड़कों के लिए पात्र होंगे। प्रदेश में ऐसे 20,600 मजरे-टोले चिह्नित किए जा चुके हैं।
जिलों के विकास का रोडमैप बनाएगी समिति
हर जिले का नए सिरे से विकास होगा। इसका रोडमैप तैयार करने के लिए जिला विकास सलाहकार समितियां बनेंगी। इनके गठन को मंजूरी दे दी। हर समिति के अध्यक्ष सीएम होंगे, प्रभारी मंत्री उपाध्यक्ष रहेंगे। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को सदस्य बनाएंगे। हर क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी बैठकों में बुलाया जाएगा। समिति जिले के विकास का रोडमैप तैयार कर सरकार को देगी।
नर्मदापुरम सहित चार शहरों में बनेंगे हॉस्टल
कामकाजी महिलाओं के लिए नर्मदापुरम, झाबुआ, सिंगरौली और देवास में हॉस्टल निर्माण को मंजूरी मिली है। 40.59 करोड़ से बनेंगे। ये औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाली महिलाओं को आवंटित किए जाएंगे। ये पूरी तरह सुरक्षित होंगे।
मेडिकल पढ़ाई में शुल्क से माफी नहीं, 5 साल के बांड से आजादी
मेडिकल छात्रों को पढ़ाई के अतिरिक्त खर्च के लिए सरकार ब्याज मुक्त कर्ज दिलाएगी। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना में बदलाव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। छात्रों को शुल्क खुद भरना होगा, फीसपूर्ति के लिए छात्रवृत्ती देंगे। अतिरिक्त खर्च के लिए कर्ज ले सकेंगे, जिसमें सरकार मदद करेगी। सरकार की मंशा अनुरूप 5 साल ग्रामीण इलाके में सेवा देंगे तो सरकार कर्ज चुकाने में मदद करेगी। जो ग्रामीण क्षेत्र में सेवा नहीं देंगे, उन्हें कर्ज खुद चुकाना होगा। यह बदलाव चालू वित्त वर्ष में एमबीबीएस में प्रवेश लेने वालों पर लागू होगा।