चेकपोस्ट घोटाले के लिए किसे मानती हैं जिम्मेदार
परिवहन चेकपोस्ट घोटाले पर उमा भारती ने कहा कि 2003 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरे सामने ये बात आ गई थी। उस समय मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी से बात की। मैंने पूछा कि भाई इसको कैसे करना है। मैं चाहती हूं कि हम यहां से पूरा रेवेन्यु वसूल कर सकें। हमारी उस समय की जो प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने ही मुझे ये सुझाव दिया था कि शराब का रेवेन्यु अगर 1500 करोड़ है तो हम 3 हजार करोड़ की व्यवस्था कर लें। तो उन्होंने मुझसे कहा कि शराब नीति में परिवर्तन करके लॉटरी व्यवस्था कर दीजिए।
केंचुआ निकला अभी अजगर बाकी
इस दौरान उमा भारती ने बताया कि सबसे पहला सुझाव चेकपोस्ट का दिया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि इसमें बहुत बड़ी गड़बड़ है। हम शॉर्ट नोटिस टेंडर प्रक्रिया में आ ही रहे थे। कि जो लोग गुजरात में ये काम कर रहे हैं। जो एक्सपर्टाइज लिए हुए हैं।उन्हीं की टीम से सलाह लेकर हम ये काम कर लेंगे। मैं इतने में चली गई। उसके बाद चूहे का बिल गहराता गया। और आज गहराइयों में से सौरभ शर्मा अकेला केंचुआ निकला अभी अजगर तो निकला ही नहीं हैं।
शराबबंदी पर कही ये बात
आगे उमा भारती ने बताया कि मोहन यादव ने 17 शहरों में शराबबंदी का निर्णय किया है। मोहन जी, शिवराज जी और वीडी शर्मा इन तीनों का निजी जीवन बहुत साफ-सुथरा है। उसका परिणाम, उनकी पॉलिसी में भी दिखता है। मेरी इच्छा तो यह है कि पूर्ण शराबबंदी होनी चाहिए।