प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन का कार्य चल रहा है। इस बीच जिला सहकारी बैंक गुना ने पंजीयन कराने वाले किसानों के लिए नया फरमान जारी कर दिया है। शाखा प्रबंधकों को जारी इस आदेश के अनुसार पंजीयन में सहकारी बैंक का खाता दर्ज करने को कहा गया है। यह भी कहा है कि जिन किसानों का सहकारी बैंक में खाता नहीं है उनका खाता खुलवाकर आधार कार्ड से लिंक किया जाए।
जिला सहकारी बैंक गुना ने शाखा प्रबंधकों से स्पष्ट रूप से कहा है कि पंजीयन में किसान का बैंक खाता जिला सहकारी बैंक का ही हो। इससे जिले में गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन कराने के लिए आ रहे किसानों पर समिति प्रबंधक सहकारी बैंक में खाता खुलवाने का दबाव बना रहे हैं। किसानों व किसान संगठनों ने इस आदेश पर नाराजगी जताई है।
संयुक्त किसान मोर्चा अशोकनगर के संरक्षक जसदेव सिंह बताते हैं कि गेहूं खरीदी का पंजीयन कराने किसानों को सहकारी बैंक में खाता खुलवाने मजबूर किया जा रहा है। इससे हजारों किसान परेशान हैं। फसल किसान की है तो किसान ही तय करेगा कि उसे पैसा किस बैंक अकाउंट में चाहिए, किसी बैंक की तानाशाही नहीं होनी चाहिए।
बैंक 10 हजार नहीं दे पाती, लाखों का कैसे करेगी भुगतान
किसानों व किसान संगठनों का यह भी कहना है कि जो बैंक सीजन पर 10 हजार रुपए का भुगतान नहीं कर पाती, वह किसानों के लाखों रुपए का भुगतान भला कैसे करेगी। किसान को सरकारी खरीद में बेचे गए गेहूं का भुगतान मिलते ही जरूरत के चलते तुरंत पूरी राशि निकालना पड़ती है, यदि सभी किसानों का सहकारी बैंक खातों में पैसा आएगा तो बैंक भुगतान कैसे कर पाएगी। इससे अपने खातों से पैसा निकालने किसानों को परेशान होना पड़ेगा। किसान संगठनों ने इस मामले में प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग की है।