डिजिटल प्रक्रिया से यह नुकसान रोका जा सकेगा। इस नई व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरते समय अपनी ई-मेल आइडी और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। सही ई-मेल आइडी और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा, क्योंकि गलत जानकारी देने पर छात्रों को अपने दस्तावेज प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है।
छात्रों को नहीं देना होगा अतिरिक्त शुल्क
बीयू प्रशासन का कहना है कि छात्रों को पढ़ाई और परीक्षा शुल्क के अलावा डिग्री के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं देना चाहिए। इसलिए अब डिग्री और अन्य दस्तावेज ई-मेल के माध्यम से मुत में उपलब्ध कराए जाएंगे। ये भी पढ़ें: बिजली कंपनी का ऐलान, ‘सोलर पैनल’ के लिए नहीं लगाना पड़ेगा ‘मीटर’ पर्यावरण को होगा बड़ा फायदा
इस बदलाव से सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को होगा। हर साल हजारों पेड़ों की कटाई बचाई जा सकेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, 140 क्विंटल कागज की खपत कम होने से कागज उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा और पानी की भी बचत होगी। इतने पेपर के लिए करीब साढ़े तीन हजार पेड़ काटने की जरूरत पड़ती है।
छात्रों के लिए निर्देश
- परीक्षा फॉर्म भरते समय सही ई-मेल और मोबाइल नंबर दें।
- दस्तावेज डाउनलोड करने के लिए नियमित रूप से ई-मेल चेक करें।
- डिजिटल दस्तावेजों को सुरक्षित रखें और भविष्य में उपयोग के लिए अलग फोल्डर में स्टोर करें।
यह कदम छात्रों के लिए न केवल सहूलियत भरा है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। विश्वविद्यालयों के इस डिजिटल बदलाव से शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और गति बढ़ेगी। छात्रों को कोई अलग से शुल्क नहीं देना होगा। प्रो. सुरेश कुमार जैन, कुलपति, बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी