वे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती दिल के मरीज अपने बड़े भाई को खाना देने जाते वक्त हादसे का शिकार हुए। उनके कंधे में गहरी चोट के कारण अंग सुन्न पड़ चुके हैं। गंभीर चोटों के चलते वे अब अस्पताल के आइसीयू में जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं, अन्य घायलों में निशातपुरा के फिरोज खान (28) और रईस खान (50) को भी आराम की सलाह दी गई है।
भयावह था हादसा
बता दें कि राजधानी में 7 माह से बिना फिटनेस और इंश्योरेंस के दौड़ रही स्कूल बस ने बाणगंगा चौराहे पर रेड सिग्नल में खड़ी 8 गाड़ियों को रौंद दिया। इसमें हमीदिया की इंटर्न महिला डॉक्टर की मौत हो गई। तो 6 घायल हो गए, दो की हालत गंभीर हैं। स्कूटी से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित घर लौट रहीं इंटर्न डॉ. आयशा खान (25) टक्कर से उछलकर गिरीं और बस में अगले हिस्से में फंस गईं। बस 50 फीट घसीट ले गई। बस के नीचे आने से उनकी मौत हो गई। मजदूर रईस व फिरोज गंभीर हैं।
स्कूव बस का रजिस्ट्रेशन कैंसिल, स्कूल को जारी किया नोटिस
घटना के बाद परिवहन विभाग जागा और बस का रजिस्ट्रेशन रद्द कर स्कूल को नोटिस थमाया। इसके बाद संभागायुक्त संजीव सिंह ने आरटीओ जितेंद्र शर्मा को सस्पेंड कर दिया। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया, गाड़ी मालिक और चालक पर केस दर्ज किया है। पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दी है। लेकिन ड्राइवर फरार है।
ब्रेक फेल होने से हुआ हादसा
दोपहर दो बजे बाणगंगा चौराहे पर रेड सिग्नल था। 10 से 12 गाड़ियां सिग्नल के ग्रीन होने का इंतजार कर रही थी। तभी रोशनपुरा चौराहे से आ रही स्कूल बस का ब्रेक फेल हो गया। बस ढलान पर लहराती हुई आई। ड्राइवर हटो-हटो…चिल्लाता रहा। लोग उसकी बात समझ पाते, बेकाबू बस सिग्नल पर खड़ी 8 गाड़ियों को रौंदते निकल गई। आगे जाकर बस पहले डिवाइडर, फिर कार से भिड़ी। तीन बार टक्कर के बाद बस की गति कम हुई तो डिवाइडर से टकराकर रुक गई।