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भोपाल

एमपी के इस बड़े शहर का 10 किमीं तक होगा फैलाव, जोड़े जाएंगे 248 नए गांव

Mp news: दस किमी तक वही नियम लागू होंगे जो शहर के भीतर प्लानिंग एरिया में निर्माण करने पर होते हैं।

भोपालMar 05, 2025 / 01:40 pm

Astha Awasthi

Mp news

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Mp news: एमपी के भोपाल शहर में अर्बन प्लानिंग एरिया से बाहर पंचायत की अनुमति से अब कॉलोनी विकसित नहीं हो सकेंगी। टीएंडसीपी के साथ शहरी व ग्रामीण विभाग मिलकर शहरी सीमा से दस किमी तक नया सेंसेटिव जोन विकसित करने जा रहे हैं।
दस किमी तक वही नियम लागू होंगे जो शहर के भीतर प्लानिंग एरिया में निर्माण करने पर होते हैं। इससे प्लानिंग एरिया से बाहर पंचायत से अनुमति लेकर मनमर्जी का निर्माण आसान नहीं होगा। शहर के भीतर किसी भी तरह के निर्माण के लिए 28 तरफ की अनुमति अनिवार्य है।

इस समय ऐसी स्थिति

● भोपाल में कोलार की तरफ कजलीखेड़ा और आगे तक कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। शहर के बीच से ये करीब 30 किमी तक दूर है।

● नीलबड़-रातीबड़ से कलखेड़ा, बरखेड़ा नाथू और आगे तक कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। ये शहर से करीब 22 किमी दूर हैं।
● करोद की ओर कोकता के आगे तक कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। ये भी शहर के बीच से 25 किमी से ज्यादा दूर है।

● इंदौर रोड पर भौंरी- खजूरी सड़क के आगे तक कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। ये शहर के बीच से 30 किमी तक आगे हैं।
● कोलार का पूरा उपनगर विकसित होने के बाद शासन को इसके लिए 400 करोड़ रुपए की लागत से सीवेज व पानी का नया सिस्टम विकसित करना पड़ा। अब कॉलोनियां कजलीखेड़ा तक विकसित होने और यहां लगातार बसाहटों से आगामी समय में फिर अतिरिक्त फंड के साथ सुविधाओं का विस्तार करना होगा।
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प्लानिंग एरिया में 60 फीसदी गांव

भोपाल का प्लानिंग एरिया 1016 वर्ग किमी है इसमें 60 फीसदी से अधिक ग्रामीण क्षेत्र है। शहर में टीएंडसीपी ने 11 जोनल क्षेत्र तय कर इसमें नगर निगम सीमा के 85 वार्डों को ही शामिल किया है। प्लानिंग एरिया में अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोकने के लिए भी टीएंडसीपी तय नियमों की बजाय मप्र नगर पालिका कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रेशन, निर्बंधन और शर्ते नियम 1998 के तहत कार्रवाई करती है।

विस्तार से ये नुकसान

जमीन की कम कीमत व अनुमतियों की ज्यादा झंझट नहीं होने से शहरी सीमा से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में नई कॉलोनियां विकसित की जाती हैं। इससे सबसे बड़ी दिक्कत शहरी विकास की एजेंसियों को होती है। लोगों के लिए बिजली, पानी, सीवेज, सड़क, स्कूल, पार्क- मैदान जैसी सुविधाएं विकसित करने के लिए अतिरिक्त मशक्कत करना पड़ती है।

भोपाल मास्टर प्लान

● 1016.90 वर्ग किमी प्लानिंग एरिया

● 248 नए गांव जोड़े गए

● 2005 में 175 गांव थे

● 813 वर्ग किमी से सीमा बढ़ाई थी

● 40 फीसदी क्षेत्र ही निगम के पास

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