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भोपाल

थाने में पीड़िता कर रहीं इंतजार, किसे सुनाएं..कौन सुनेगा इनका दर्द

Crime Against Women: थानों में पीड़िताओं की सुनने के लिए हेल्प डेस्क, लेकिन गंभीर मामलों में शिकायतें सुनने वाली पुलिस पुलिसकर्मी ही नहीं, थाने में बैठी पीड़िताओं को इंतजार कौन सुनेगा उनका दर्द…?

भोपालMar 22, 2025 / 08:48 am

Sanjana Kumar

Crime Against Women

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Crime Against Women: महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस हर स्तर पर व्यवस्थाओं को पुख्ता रखने के दावे कर रही है। लेकिन हकीकत इससे उलट है। थानों में पीड़िताओं की सुनने के लिए हेल्प डेस्क है, लेकिन गंभीर मामलों में शिकायतें सुनने वाली पुलिस पुलिसकर्मी ही नहीं हैं। आलम यह है कि सिर्फ राजधानी भोपाल में ही 34 थानों में से महज 18 थानों में महिला सब-इंस्पेक्टर तैनात हैं।
आंकड़ों में तो सभी 34 थानों में कुल 253 महिला पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। लेकिन मुख्यालय ने 16 थानों में महिला एसआइ की तैनाती ही नहीं की है। नतीजा, पीड़िताओं के थाने पहुंचने पर दूसरे थाने से महिला अधिकारियों को बुलवाना पड़ रहा है। इस प्रक्रिया में कई बार पीड़िताओं को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
कई बार तो पीड़िताओं को दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। पुलिस की इस लचर व्यवस्था में पीड़िताओं पर दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर अपराध का शिकार तो दूसरी ओर न्याय की पहली मंजिल पर ही इंतजार उनका दर्द बढ़ा रही है।

1. नहीं थी महिला पुलिस ऑफिसर

शाहपुरा थाना क्षेत्र में एक महिला का दुकान पर आने वाली एक ग्राहक से विवाद हुआ था। वह थाने पहुंची तो पुलिस अधिकारी नहीं थीं। महिला को अगले दिन आने को कहा गया।
2. पिपलानी थाना क्षेत्र में कुछ माह पहले छेड़छाड़ की पीड़िता शिकायत करने पहुंची। उस वक्त महिला एसआइ उपलब्ध नहीं थीं। पीड़िता को कई घंटे इतंजार करना पड़ा।

अधिकांश में महिला एसआइ नहीं

महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती में भी बड़ा गड़बड़झाला है। भोपाल के जोन-3 को छोड़ दें तो अन्य तीन जोन के ज्यादातर थानों में महिला सब-इंस्पेक्टर नहीं है। कई थानों में महिला डेस्क एएसआइ या कॉन्स्टेबल रैंक की महिला पुलिसकर्मी संभालती हैं। छोटे-मोटे लड़ाई-झगड़े के मामले तो वे सुन लेती हैं, लेकिन बड़े मामलों या बच्चियों से जुड़े आपराधिक मामले नहीं सुन पातीं। ऐसे मामलों को सुनने का अधिकार महिला सब इंस्पेक्टर को ही है।

फैक्ट

1.7 थाने राजधानी में ऐसे, जहां 10 महिला एएसआई

2. 3 महिला एएसआई टीटी नगर में

3. कई थानों में महिला एएसआई तक नहीं

4. महिला डेस्क बनाई, लेकिन महिला अफसरों की कमी
5. भोपाल के 24 थानों में से 18 में ही हैं महिला एएसआई

कोर्ट की रूलिंग को धता बता रहा विभाग

जानकारों की मानें तो कोर्ट की रूलिंग है कि महिला संबंधी अपराध में थानों में सुनवाई महिला अधिकारी करेंगी। इस रूलिंग को भी पुलिस विभाग धत्ता बता रहा है।



जोन कुल इतने थाने में थाने महिला अफसर

जोन-1 9 4 में महिला एसआइ

जोन-2 9 3 में महिला एसआइ

जोन-3 9 8 में महिला एसआइ

जोन-4 7 3 में महिला एसआइ

महिला अपराध पर पुलिस गंभीर

महिला अपराध पर पुलिस गंभीर है। थानों में मामले आने के बाद महिला पुलिसकर्मी कहीं व्यस्त रहती हैं तो पास के थानों से तुरंत बुलाते हैं।

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