धरना स्थल पर मौजूद जिला अध्यक्ष रमाकांत पुनेट, सचिव प्रशांत रंजन भोई, उपाध्यक्ष नीलकंठ जोशी, सलाहकार अनिल मरई व डॉ. प्राची कर्नवाल सहित अन्य पदाधिकारियों ने सरकार से मानव
संसाधन नीति में संशोधन की मांग की। कर्मचारियों ने कहा कि कोविड काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाएं देने वाले हजारों एनएचएम कर्मियों को आज भी स्थायीत्व और समुचित सुविधाओं से वंचित रखा गया है।
CG News: विरोध प्रदर्शन आज सातवें दिन भी जारी रहा
दंतेवाड़ा। नियमितीकरण, जॉब सुरक्षा, ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति, मेडिकल बीमा, 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं की मांग कर रहे छत्तीसगढ़ प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत 16 हज़ार कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन आज सातवें दिन भी जारी रहा। विरोध प्रदर्शन की इस कड़ी में आज सभी 33 जिला मुख्यालय में ताली और थाली रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम अपनी 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्टर को कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए सौंपा, और कहा है कि, यदि उनकी मांगे जल्द ही नहीं पूरी की जाती हैं तो प्रदेश में एनएचएम के 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी किसी बड़े अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाने को विवश हो सकते हैं जिस कारण प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था में जो असुविधा होगी उसके लिए शासन-प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा।
दंतेवाड़ा के जिला एन एच एम संघ से मीडिया प्रभारी मेघ प्रकाश शेरपा ने बताया कि जिले में 350 के करीब एन एच एम कर्मचारी कार्यरत हैं। यह कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से अपनी सेवा शर्तों में सुधार, नियमितीकरण, अपनी नौकरी की सुरक्षा, समान काम समान वेतन, जैसी चाह लिए लगातार पिछली कई सरकारों के कार्यकाल में धरना प्रदर्शन किया गया है।
कई उच्च अधिकारियों से भी की गई भेंट
CG News: सुकमा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने नियमितीकरण, जॉब सुरक्षा, ग्रेड-पे, अनुकंपा नियुक्ति, मेडिकल बीमा, 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांगों को लेकर कर्मचारियों ने रैली निकालकर 10 सूत्री मांगों लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। बुधवार को सुकमा जिला मुख्यालय में ताली और थाली रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। संघ के जिला अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश साहू ने बताया कि जिले में 334 के करीब एन एच एम कर्मचारी कार्यरत हैं। यह कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से अपनी सेवा शर्तों में सुधार, नियमितीकरण, अपनी नौकरी की सुरक्षा, समान काम-समान वेतन, मांग है।
सरकार के कार्यकाल में भी
मोदी की गारंटी के नाम से हमारी समस्याओं के समाधान का वादा किया गया है परंतु आज पर्यंत इस संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने लगभग 100 से अधिक बार ज्ञापन मंत्रियों, विधायकों, सांसदों को दिया है इसके अलावा कई उच्च अधिकारियों से भी भेंट की गई है, परंतु परिणाम शून्य ही रहा। जिसके कारण 17 तक प्रदर्शन चरणबद्ध जारी है। कर्मचारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमें कोरोना वॉरियर का दर्जा भी दिया था।