बता दें कि
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के नेतृत्व में सभी विकलांग जन अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से नवा रायपुर के तूता में धरना दे रहे हैं। बुधवार को अचानक विधानसभा घेराव करने पहुंच गए। इसकी जानकारी मिलते ही आननफानन में पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को बसस्टैंड के पास रोक लिया। विकलांग जनों को पुलिस ने जबरदस्ती उठाकर बस में बैठाया। इस दौरान कुछ लोगों को घसीटा गया और जबरदस्ती की गई। संघ ने कुछ लोगों से मारपीट का भी आरोप लगाया है। सभी विकलांगजनों को बस में बैठाकर तूता स्थित धरना स्थल ले जाया गया।
आत्मदाह करने की कोशिश घटना के विरोध में तूता में भी विकलांगजनों ने जमकर बवाल किया। कुछ लोग आत्मदाह के इरादे से बोतल में पेट्रोल भर कर पहुंचे और अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया। पुलिस ने सभी से पेट्रोल छिन लिया। देर रात तक विकलांग जन अपनी मांगें पूरी करने की मांग पर अड़े रहे।
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विकलांगों के साथ हुई बर्बरता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, विधानसभा का घेराव करने आ रहे विकलांगों के साथ मारपीट करते हुए गाड़ी में बैठाया गया।
राजनीति के निम्न स्तर पर जाकर झूठ फैलाना कोई कांग्रेस से सीखे। कांग्रेस के कार्यकाल में ही विधवा महिलाओं ने सिर मुंडवाकर प्रदर्शन किया था। तब कोई भी कांग्रेसियों ने महिलाओं से मिलना मुनासिब नहीं समझा। भाजपा हर विषय पर गंभीरता से विचार करती है। हर वर्ग का ध्यान रखती है।
-देवलाल ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोट रही है। पुलिस की बर्बरता तानाशाही का प्रमाण है। सरकार इस बात से डरी हुई है कि आज हर वर्ग उनका विरोध कर रहा है। सरकार के कामों से युवा, किसान, आदिवासी, महिला, कर्मचारी और आम जनता नाराज है। विकलांगों की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए।
-धनंजय ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस