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बीजापुर

मुकेश चंद्राकर की हत्या से आक्रोशित पत्रकारों ने किया चक्काजाम, निकाला कैंडल मार्च…

Mukesh Chandrakar Murder: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की शव यात्रा के दौरान बीजापुर शहर पूरी तरह से स्वर्स्फूत बंद रहा। इस अंतिम यात्रा में बीजापुर शहर का हर नागरिक शरीक हुआ।

बीजापुरJan 05, 2025 / 12:15 pm

Laxmi Vishwakarma

Mukesh Chandrakar Murder
Mukesh Chandrakar Murder: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या की वारदात ने बस्तर ही नहीं समूचे राज्य के पत्रकारों को स्तब्ध कर दिया है। शनिवार दोपहर जब बीजापुर में मुकेश की अंतिम यात्रा निकली तो हर किसी की आंख नम थी। इस दौरान एक ही नारा लोगों की जुबान पर था और वह था मुकेश के हत्यारों को फांसी दो। इस घटना ने बस्तर के पत्रकारों को दहशतजदा भी कर रही है।

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Mukesh Chandrakar Murder: पत्रकारों ने रखा दो मिनट का मौन

बस्तर में वे पत्रकार जो अंदरूनी इलाकों में जनसरोकार की पत्रकारिता करते है, उन्हें नक्सलियों से कम पर भ्रष्टाचारियों से ज्यादा खतरा है। यही वजह है कि पत्रकार मुकेश चंद्रकार के शव की अंत्योष्टि से पहले पत्रकार सड़क पर जमा हो कर उन बिदुओं पर लड़ रहे थे जो पत्रकारों के लिए बेहद जरूरी है। करीब एक घंटे तक चक्का जाम किया।
अधिकारियों की समझाईश और मांगों पर जब सहमति बनी तब जा कर हटे। इसके बाद अपने मृतक पत्रकार साथी मुकेश के शव लेकर पूरे बीजापुर में भ्रमण किया। इस दौरान शहीद पत्रकार और अमर रहे के नारे लगाए गए। इस दौरान हर कोई गमजदा था। हर आंख नम थी। पत्रकारों की आंखों में आंसू थे, आंखों में आंसुओं के साथ पत्रकारों में आक्रोश भी था। अंतिम संस्कार से पहले पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रख कर अपने पत्रकार साथी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिलखता भाई बोला, मुझे भी मार डालो

मुकेश और यूकेश के सिर से माता-पिता का साया बहुत पहले ही उठ गया था। दोनों भाई किसी तरह पढ लिख कर बड़े हुए है। दोनों ने ही जनसरोकार की पत्रिकारिता के क्षेत्र को चुना। मुकेश की हत्या के बाद यूकेश चंद्रकार पूरी तरह से टूट चुका है। मानो जैसे वो मानसिक अवसाद में हो।
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अपने छोटे भाई मुकेश के शव रथ के आगे चलने के दौरान सिर्फ फोटो पर हांथ फेर रहा था। आंखो में आंसू नहीं थे, बस बोले जा रहा था मेरा छोटा भाई… मेरा छोटा भाई। अचानक से वह चीखने लगा। चीखते हुए कहता है मेरे भी छोटे-छोटे टुकड़े कर दो और सेप्टिक टैंक में डाल दो। इन लफ्जों को सुन सभी की आंखों में आंसू भर आए।

आईजी व डीआई भी पहुंचे अंतिम संस्कार में

पत्रकार की शव यात्रा के दौरान बीजापुर शहर पूरी तरह से स्वर्स्फूत बंद रहा। इस अंतिम यात्रा में बीजापुर शहर का हर नागरिक शरीक हुआ। हर कोई इस घटना की निंदा कर रहा था और आरोपियों की कड़ी सजा की मांग कर रहा था। अंतिम संस्कार से पहले प्रेस क्लब में शव को ले जाया गया। यहां बस्तर आईजी पी सुंदर राज और डीआई कमलोचन कश्यप पहुंचे। उन्होंने मृतक पत्रकार के भाई यूकेश चंद्राकर से मुलाकात की और उनको ढांढस बंधाया। आईजी सुंदर राज ने कहा इस प्रकरण से जुड़े किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

मंत्री केदार और सांसद महेश भी ढांढस बंधाने पहुंचे

Mukesh Chandrakar Murder: शनिवार शाम जगदलपुर के पत्रकारों ने बस्तर जिला पत्रकार संघ के बैनर तले कैंडल मार्च निकाला। इसमें सर्व समाज और अलग-अलग संगठन के लोग भी शामिल हुए। सिरहासार स्थित शहीद स्मारक से कैंडल मार्च निकला जो कि गोल बाजार के रास्ते वापस शहीद स्मारक पहुंचकर खत्म हुआ। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर मुकेश को श्रद्धांजलि दी गई।
वन मंत्री केदार कश्यप और सांसद महेश कश्यप भी पत्रकार के भाई को ढांढस बंधाने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। नेताओं ने इस दौरान पत्रकारों से भी बात की और कहा कि हत्याकांड के सभी आरोपियों पर कार्रवाई होगी।

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