प्राचार्य ने की मौके पर जांच, स्टाफ को लगाई फटकार
मामले की सूचना मिलने पर अस्पताल की प्राचार्या उर्मिला कार्या मौके पर पहुंचीं। उन्होंने हालात का जायजा लेते हुए सीटी स्कैन स्टाफ को फटकार लगाई और मशीन को तुरंत ठीक कराने के निर्देश दिए। बावजूद इसके, घंटों बीतने के बाद भी मशीन चालू नहीं हो सकी।
डायलिसिस में लापरवाही से मरीज की मौत का मामला भी ताजा
कुछ ही दिन पहले अस्पताल में डायलिसिस के दौरान एक मरीज की मौत हो चुकी है। परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सीडीओ से जांच कराई, जिसमें कई खामियां उजागर हुईं। इसके बाद डायलिसिस कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
शासन को भेजी गई डॉक्टर और प्राचार्य के खिलाफ रिपोर्ट
जांच के आधार पर अस्पताल के डॉक्टरों और प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। अस्पताल में लगातार सामने आ रही लापरवाही की घटनाओं से स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ा
सीटी स्कैन मशीन के बंद होने से दर्जनों मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा। इससे गरीब मरीजों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा है। जिला अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं के अभाव से आमजन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।