अलग-अलग हेलिकॉप्टर में बैठाया गया था परिवार
बिजनौर के वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मपाल सिंह 13 जून को अपनी पत्नी विनोद देवी (66 वर्ष), पोते ईशान, नाती गौरांश और नातिन तुष्टि के साथ केदारनाथ यात्रा पर गए थे। सभी लोग नगीना से कार द्वारा गुप्तकाशी पहुंचे और वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए केदारनाथ धाम पहुंचे। 14 जून की शाम को परिवार को गुप्तकाशी लौटना था। धर्मपाल सिंह के अनुसार, हेलीपैड पर यात्रियों को दो समूहों में बांटा गया। उन्होंने आग्रह किया कि पूरे परिवार को एक साथ रखा जाए, लेकिन कंपनी के नियमानुसार उन्हें अलग-अलग हेलिकॉप्टर में बैठा दिया गया।
पहला हेलिकॉप्टर सुरक्षित पहुंचा, दूसरे की हुई दुर्घटना
धर्मपाल सिंह, ईशान और गौरांश जिस हेलिकॉप्टर में थे, वह सुरक्षित गुप्तकाशी पहुंच गया। लेकिन विनोद देवी और तुष्टि जिस दूसरे हेलिकॉप्टर में थीं, वह देर तक नीचे नहीं उतरा। इसके बाद उसकी खोजबीन शुरू हुई। कुछ समय बाद जानकारी मिली कि हेलिकॉप्टर गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच क्रैश हो गया है। शुरू में परिजनों को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई, लेकिन बाद में प्रशासन ने पुष्टि की कि पायलट समेत सभी सात लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
परिजनों में मचा कोहराम
हादसे की खबर मिलते ही नगीना और बिजनौर स्थित परिवारों में कोहराम मच गया। परिजन तुरंत केदारनाथ के लिए रवाना हो गए। विनोद देवी और तुष्टि की मौत की खबर से परिवार सदमे में है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।