निर्माण : बनेंगे एसटीपी, पंपिंग स्टेशन डीपीआर के अनुसार, बारिश जल भराव और गंदे पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पंपिंग स्टेशन, नालों का पुर्ननिर्माण, मरम्मत, राइजिंग मेन लाइनों का निर्माण होगा। प्रथम फेज में दो एसटीपी बल्लभ गार्डन व सुजानदेसर में और बल्लभ गार्डन, नोखा रोड, निगम रोड व रेलवे स्टेशन रोड क्षेत्र में चार पंपिंग स्टेशन बनेंगे। वहीं शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित नालों की मरम्मत, कुछ का नवनिर्माण कार्य भी होगा।
निजात : एसटीपी से शोधित होगा गंदा पानी बल्लभ गार्डन क्षेत्र में कई बीघा भूमि पर आरओबी के पास गंदे पानी का तालाब बना हुआ है। इस पानी को मिट्टी की पाल बनाकर रोका हुआ है। साल में कई बार यह पाल टूटती है। इस गंदे पानी से सब्जियां भी तैयार हो रही है। इस क्षेत्र में 31 करोड़ रुपए की लागत से 5 एमएलडी का एसटीपी, 20 एमएलडी का पंपिंग स्टेशन, पूरे नाले की डिसिल्टिंग, 700 एमएम डाया की राइजिंग मेन आदि कार्य होंगे। वहीं खुदखुदा डेरे से ब्राह्मणों के मोहल्ले की ओर आ रहे गंदे पानी के लिए नाला निर्माण होगा। काली माता मंदिर के पास एसटीपी और पंपिंग स्टेशन बनेगा। करीब 43 करोड रुपए की लागत से यह कार्य होगा।
राहत : जल भराव से मिलेगी मुक्ति बारिश के दौरान पुरानी गिन्नाणी, सूरसागर रोड, नगर निगम रोड, कलक्ट्रेट परिसर, डाक बंगला के आगे रेलवे स्टेशन रोड पर यातायात थम सा जाता है। डीपीआर के अनुसार निगम रोड पेट्रोल पम्प के पास 5 एमएलडी क्षमता का पंपिंग स्टेशन बनेगा। डाक बंगला व रेलवे स्टेशन पर जल भराव के लिए 5 एमएलडी का पंपिंग स्टेशन का निर्माण होगा। कलक्ट्रेट जल भराव समस्या के समाधान के लिए नाले से पानी की निकासी सुचारु की जाएगी। नोखा रोड पर 2 एमएलडी क्षमता का पंपिंग स्टेशन, करीब 2 किमी राइजिंग मेन लाइन आदि कार्य होंगे। केईएम रोड, कोठारी अस्पताल रोड जल भराव समस्या का समाधान भी डीपीआर में शामिल किया गया है।
संशय : इस मानसून तक राहत मुश्किल अगर फरवरी व मार्च तक वित्तीय स्वीकृति, टेंडर प्रक्रिया, कार्यादेश आदि कार्य पूर्ण भी हो जाए, तो डीपीआर के प्रथम फेज में शामिल कार्यों के इस मानसून तक पूरा होना लगभग असंभव है। डीपीआर में प्रथम फेज व द्वितीय फेज में अनेक कार्य शामिल हैं।
उदासीनता – 11 महीने बाद सामने आई डीपीआर वित्तीय वर्ष 2024 -25 के राज्य बजट के दौरान शहर में जल भराव व गंदे पानी के भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा हुई थी। करीब 11 महीनों के बाद डीपीआर तैयार हुई है। वित्तीय स्वीकृति के बाद टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ होगी व प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही कार्य प्रारंभ हो सकेंगे।
डीपीआर तैयार राज्य बजट घोषणा के अनुसार डीपीआर तैयार हो गई है। कुल डीपीआर 222 करोड़ रुपए की है। प्रथम फेज में करीब 116 करोड़ रुपए के कार्य करवाए जाने की योजना है।
मयंक मनीष, आयुक्त, नगर निगम, बीकानेर।