scriptव्याघ्र पर सवार होगी मकर संक्रांति, फिर गूंजेगी शहनाइयां | Makar Sankranti will be riding on the tiger, then the shehnai will echo | Patrika News
बीकानेर

व्याघ्र पर सवार होगी मकर संक्रांति, फिर गूंजेगी शहनाइयां

खरमास की समा​प्ति के बाद एक फिर से शहनाइयां गूंजेगी। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व के बाद जनवरी में विवाह के कई शुभ मुहूर्त है। इन शुभ मुहूर्तों में विवाह कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। मकर संक्रांति पर्व को लेकर घरों और बाजारों में तैयारियां चल रही है। मान्यता अनुसार मकर संक्रांति पर तिल व तिल से बनी वस्तुओ के दान का विशेष महत्व है। 14 जनवरी को सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे व मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। पंडितों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति व्याघ्र पर सवार होकर आएगी।

बीकानेरJan 08, 2025 / 11:15 pm

Vimal

बीकानेर.खरमास अर्थात मलमास में एक महीने से निषेध चल रहे शादी-विवाह और मांगलिक कार्यक्रम फिर प्रारंभ होंगे। घरों में शहनाइयां गूंजेगी। खरमास की समाप्ति 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व के साथ होगी। इस दिन मान्यता अनुसार पूजा-अर्चना, हवन और दान-पुण्य आदि धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन होंगे। मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। तिल, गुड, खिचड़ी धान के दान -पुण्य की विशेष मान्यता है। पद्म पुराण के अनुसार मकर संक्रांति के दिन दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार इस बार मकर संक्रांति व्याघ्र (बाघ) पर सवार होकर आएगी। संक्रांति का उपवाहन अश्व (घोड़ा) रहेगा। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सूर्य 12 स्वरूप धारण कर 12 महीनों में 12 राशियों में संक्रमण करते रहते है। उनके संक्रमण से संक्रांति होती है। अर्थात सूर्य के संक्रमण को संक्रांति कहते है। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते है, उसे मकर संक्रांति कहते है। ग्रहों के राजा सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते है तब मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। यह सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है। इस दिन भगवान सूर्य की आराधना का विशेष महत्व है। ज्योतिषीय मान्यता अनुसार मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है। उत्तरायण का अर्थ है सूर्य की यात्रा दक्षिण से उत्तर की ओर शुरू होना। मान्यता अनुसार इस दिन भगवान सूर्य और शनि की विशेष आराधना करनी चाहिए।

संबंधित खबरें

दिन भर रहेगा पुण्यकाल

पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन प्रात: 8.56 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। जिसका पुण्यकाल इस समय से संपूर्ण दिन तक रहेगा। श्रद्धालु लोग मकर संक्रांति का दान-पुण्य पूरे दिन भर कर सकेंगे। श्रद्धालु तिल, गुड, मूंगफली से बनी खाद्य सामग्री सहित दैनिक जरुरत की विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का दान-पुण्य करेंगे। पंडित किराडू के अनुसार मकर संक्रांति के दिन हरिद्वार, काशी, कुरुक्षेत्र, अयोध्या आदि स्थानों पर िस्थत पवित्र नदियों में स्नान करने और दान का विशेष महत्व बतलाया गया है।
शुभ मुहूर्तों में होंगे विवाह आयोजन

ज्योतिषाचार्य पंडित किराडू के अनुसार जनवरी में विवाह के कई शुभ मुहूर्त है। इन शुभ मुहूर्तों में वर-वधु परिणय सूत्र में बंधेंगे। जनवरी माह में 16,18,21,22 और 23 जनवरी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। वहीं फरवरी में 2,6,7,8,13,14,18,20,21, व 25 तारीख विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। बसंत पंचमी के अबूझ मुहूर्त पर बड़ी संख्या में शादियां होगी।
‘तेरुण्डे’ की चल रही तैयारी

मकर संक्रांति के दिन शहर में ‘तेरुण्डे’ के तहत एक समान तेरह वस्तुओं के दान की विशेष परंपरा है। विशेषकर महिलाएं तेरुण्डे में अपनी पसंद की वस्तुओं, खाद्य सामग्री, रजाई, कंबल, गर्म वस्त्र, बर्तन, सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री, धोती, चप्पलें, इत्र आदि वस्तुओं का दान करती है। तेरुण्डे के लिए बाजारों में खरीदारी का क्रम चल रहा है। वहीं तिल, गुड व मूंगफली आदि से बनी खाद्य सामग्री, घेवर, फीणी आदि की दुकानों पर भी खरीदारी चल रही है।

Hindi News / Bikaner / व्याघ्र पर सवार होगी मकर संक्रांति, फिर गूंजेगी शहनाइयां

ट्रेंडिंग वीडियो