बता दें, हादसे के 10 घंटे बाद तक शव को पोल से उतारा गया। विरोध में परिजनों और ग्रामीणों ने सामुदायिक अस्पताल के मोर्चरी कक्ष के सामने धरना शुरू कर दिया है, यह तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
फॉल्ट ठीक कर रहा था युवक
घटना के अनुसार, मनोज मेघवाल बिजली पोल पर चढ़कर फॉल्ट ठीक करने का प्रयास कर रहा था, तभी उसे करंट का तेज झटका लगा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बिजली विभाग की ओर से उचित सुरक्षा उपायों का अभाव और लापरवाही इस हादसे का मुख्य कारण है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग ने समय पर बिजली आपूर्ति बंद नहीं की, जिसके कारण यह हादसा हुआ। इसके अलावा, हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य में देरी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। 10 घंटे तक शव को पोल से उतारने में देरी ने प्रशासन और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
मोर्चरी कक्ष के सामने धरना
परिजनों और ग्रामीणों ने सामुदायिक अस्पताल के मोर्चरी कक्ष के सामने धरना शुरू कर दिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें, जिसमें मृतक के परिवार को उचित आर्थिक सहायता और दोषियों पर कार्रवाई शामिल है, पूरी नहीं होतीं, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। धरने में शामिल लोगों ने बिजली विभाग की कार्यशैली पर गहरा रोष व्यक्त किया और इसे सिस्टम की विफलता का प्रतीक बताया।
गोविंद सिंह डोटासरा ने क्या कहा?
इस घटना पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बीकानेर में बिजली विभाग की लापरवाही ने एक दलित युवक मनोज मेघवाल की जान ले ली। यह कोई तकनीकी गलती नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी और गैर-जिम्मेदाराना रवैया है, जो आए दिन देखने को मिलता है। सरकार को मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई एवं मृतक के परिवार को उचित आर्थिक सहायता देनी चाहिए। मनोज मेघवाल जी के परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।
घटना अत्यंत दुखदायी- जूली
वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस घटना को अत्यंत दुखद और पीड़ादायक बताया। उन्होंने कहा कि मनोज मेघवाल जी की बिजली विभाग की लापरवाही के कारण बीकानेर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। मेरी गहरी संवेदनाएँ मेघवाल परिवार के साथ हैं। इस कठिन समय में ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करें। जूली ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि प्रदेश में बार-बार बिजली विभाग की गलती से ऐसे हादसे हो रहे हैं। यह न केवल बिजली विभाग की विफलता है, बल्कि सरकार की घोर लापरवाही है। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग करता हूँ कि मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता, आश्रित को संविदा पर नौकरी दी जाएं साथ ही मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।