पिछले साल छह थीं, इस बार एक भी नहीं
रोडवेज सूत्रों की मानें, तो वर्ष 2023 में रोडवेज बेड़े में आठ, वर्ष 2024 में छह स्लीपर बसें थीं, लेकिन वर्ष 2025 में बीकानेर आगार में एक भी स्लीपर बस नहीं है। हालात यह हैं कि रोडवेज की स्लीपर बसें नहीं होने से लंबे रूट पर बसें नहीं जा रही हैं। बसों के रूट कम कर दिए हैं। रोडवेज की स्लीपर बसें नहीं होने का फायदा निजी बस संचालक उठा रहे हैं।
निजी बस संचालकों के साथ सांठगांठ
रोडवेज बसों को बंद कर निजी बसों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। रोडवेज प्रबंधन की निजी बस संचालकों के साथ सांठ-गांठ है, जिसका नुकसान आमजन और रोडवेज को हो रहा है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। रूट पर चल रही बसों को बंद करने की बजाय सुविधा बढ़ाकर उनका संचालन करें। -रोशन अली, अध्यक्ष शाखा राजस्थान स्टेट रोडवेज एलाइज यूनियन, एटक, बीकानेर मजबूरन बंद करनी पड़ीं बसें
यात्री भार कम होने से रूट बंद कर दिए गए हैं। रोडवेज ने आमजन की सुविधा के लिए खाटूश्याम के लिए बस सेवा शरू की थी, लेकिन यात्रीभार नहीं मिला। अहमदाबाद बस भी यात्रीभार नहीं मिलने से मजबूरन बंद करनी पड़ी।
इन्द्रा गोदारा, मुख्य प्रबंधक बीकानेर आगार