मिली जानकारी के अनुसार, सकरी निवासी जानसन एक्का के मोबाइल पर पिछले महीने एक कॉल आया। कॉलर ने स्वयं को बैंक अधिकारी बताया। कहा कि उसके बैंक खाते का केवाइसी अपडेट नहीं है, जल्द कराए, नहीं तो क्लोज हो जाएगा। इसी दरमियान बातों में उलझाकर उसने ऑनलाइन केवाईसी अपडेड करने की प्रक्रिया बताकर एक्का से बैकिंग जानकारी एवं ओटीपी हासिल कर लिया। बाद में एक्का को पता चला कि उसके बैंक खाता से लोन लेकर कुल 26 लाख 74 हजार 701 रुपए की ठगी की जा चुकी है। ठगी के शिकार जानसन ने सकरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
फर्जी खाते और सिम का उपयोग कर करते थे ठगी
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने गांधी नामक व्यक्ति के माध्यम से राउरकेला और जामताड़ा के ठगों से संपर्ककर अपने व अपनी पत्नी के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर खाता किट (एटीएम कार्ड, पासबुक, मोबाइल नंबर) उन्हें दे दिए थे। इसके एवज में दोनों को कमीशन के रूप में पैसे मिलते थे। आरोपियों ने यह भी बताया कि वे फर्जी सिम कार्ड व खातों का उपयोग ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए करते थे। ओडिशा से गिरफ्तार 3 आरोपियों की निशानदेही पर दो और पकड़ में आए
पुलिस ने
ठगी की रकम प्राप्त करने संदेही खाता धारक दीपापल्ली ओडिशा निवासी कृष्णा लूहा (42 वर्ष) को थाना उलूंडा के स्टाफ के सहयोग से ढूंढा । उसे थाना उलूडा में लाकर पूछताछ की गई। इस पर उसने आरोपी दीपल्ली निवासी गुलेख कुहार (40 वर्ष) एवं विवेकानंदपल्ली, राऊरकेला निवासी पंकज कुमार खैतान (44 वर्ष) के साथ मिल कर ठगी की बात स्वीकार की।
उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उक्त दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों से पूछताछ में उनके दो और सहयोगियों का पता चला। इस पर पुलिस टीम ने सक्ती निवासी हेमंत चंद्रा (19 वर्ष) और रोहित रायल (28 वर्ष) को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।
अमानत में खयानत: 70 लाख के बिजली उपकरण लेकर फरार आरोपी रीवा से पकड़ाया
बिजली विभाग द्वारा कोनी क्षेत्र में सुधार कार्य के लिए दिए गए लाखों के उपकरणों को लेकर फरार होने वाले कर्मचारी को पुलिस ने रीवा, मध्सप्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायिक रिमांड पर रख अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रार्थी कार्तिकेश तिवारी ने कोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बिजली सुधार कार्य के लिए स्टोर सेंदरी में रखा गया बिजली उपकरण, जिसकी अनुमानित कीमत 60 से 70 लाख रुपए थी, उसे कर्मचारी विजय मिश्रा 44 वर्ष और उसके साथी काम के बहाने ले जाकर चुपचाप गायब कर दिए। मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की।
तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस को पता चला कि मुय आरोपी विजय मध्यप्रदेश के रीवा में छिपा हुआ है। इस पर पुलिस टीम तत्काल रीवा रवाना हुई और स्थानीय पुलिस के सहयोग से घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार कर लिया है। उसे न्यायिक रिमांड पर रख कर अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।