Bilaspur Fraud Case: गिरोह के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई का बढ़ा हिस्सा लुटाने वाले चार बेरोजगारों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के खाते में तीन लाख रुपए फ्रिज किए गए है। वहीं 13 लाख रुपए नगद के अलावा फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी सेवा पुस्तिका भी जब्त की गई है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक सरकारी नौकरी देने का प्रलोभन देकर ये बताया जाता था कि सरगना कपिल गोस्वामी का सरकारी विभागों में बड़े अफसरों से बहुत अच्छे संबंध हैं। युवाओं को विश्वास दिलाने के लिए कपिल गोस्वामी 20 लाख की महंगी कार में अपने साथ ड्राइवर और बॉडीगार्ड लेकर घूमता था। युवा उसे देखकर प्रभावशाली व्यक्ति देखकर झांसे में आ जाते थे। इस तरह करीब 26 युवाओं से गिरोह के चार सदस्यों ने एक करोड़ से अधिक की ठगी कर ली। 500 रुपए में फर्जी नियुक्ति पत्र छपवाकर थमा देते थे।
इन पदों पर दिया नौकरी का झांसा
ठग गिरोह के गिरफ्तार चार सदस्यों ने पीडब्ल्यूडी, पुलिस विभाग, जेल विभाग, पीएचई, वन विभाग और शिक्षा विभाग में नौकरी लगाने का झांसा देकर बेरोजगारों से लाखों रुपए वसूल किए। ये क्लर्क, जेल प्रहरी, आरक्षक, ऑपरेटर और प्यून जैसे पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र थमाते थे।
Bilaspur Fraud Case: पकड़े गए आरोपी ऐसे देते थे ठगी को अंजाम
कपिल गोस्वामी अपने साथी ईश्वर चौहान, गुरु दिव्यशंकर, और राजेश पलांगे के साथ मिलकर बेरोजगार युवकों को शासकीय नौकरी का झांसा देते थे। ठगी का तरीका यह था कि युवक उधार पैसे लेकर या अपने घर के जेवर गिरवी रखकर रकम देते, फिर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाए जाते और डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के बाद असली नियुक्ति पत्र का आश्वासन दिया जाता।
₹500 में छपा नियुक्ति पत्र
बिलासपुर पुलिस ने सीएसपी निमितेश सिंह के नेतृत्व में रात भर चले अभियान में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में कपिल गोस्वामी (अकलतरा), गुरु शंकर दिव्य (सक्ति), राजेंद्र पलांगे (सक्ति) और पुरुषोत्तम तिवारी (उसलापुर) शामिल हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड कपिल गोस्वामी पहले भी ठगी के मामले में जेल जा चुका है। वह 500-500 रुपए में फर्जी नियुक्ति पत्र छापता था।
पहले खुद हुआ ठगी का शिकार, फिर बना गिरोह का सदस्य
सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि मामले में शामिल आरोपी राजेंद्र पलांगे, जो सक्ती का निवासी है, पहले खुद कपिल गोस्वामी को वन विभाग में नौकरी दिलाने के लिए पांच लाख रुपये दिए थे। जब उसकी नौकरी नहीं लगी, तो राजेंद्र ने पैसे वापस मांगे, लेकिन कपिल ने इनकार कर दिया। फिर कपिल ने उसे अपने सिंडिकेट से जुड़ने का प्रस्ताव दिया, ताकि वह बेरोजगार युवकों से पैसे वसूल कर और भी पैसे कमा सके। झांसे में आकर राजेंद्र गिरोह से जुड़ गया और ठगी करने लगा।
बिलासपुर पुलिस की अपील
पूछताछ पर आरेापियो के द्वारा रजांजगीर चाम्पा, बिलासपुर, सक्ती, रायपुर, बलौदा बाजार जिले के लगभग 25-30 युवको से धोखाधड़ी किया जाना स्वीकार किया गया है। जिनसे संपर्क किया जा रहा है। बिलासपुर पुलिस द्वारा अपील की जाती है कि इस तरह के ठगो से सावधान रहे तथा किसी भी व्यक्ति द्वारा नौकरी लगाने का झांसा देकर पैसे की मांग करने पर इसकी सूचना पुलिस को देवें।
Hindi News / Bilaspur / पैसे भी गए, नौकरी भी नहीं मिली… 26 युवाओं से 1 करोड़ की ठगी, शातिर इस तरह वारदात को देते थे अंजाम