उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जनजातीय
बजट 46 प्रतिशत बढ़ाया है इससे छत्तीसगढ़ को बड़ा लाभ मिलेगा। नयी कर व्यवस्था में 12 लाख की आय वाले करदाताओं को 80 हजार का लाभ मिलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है। ब्याज योजना के तहत ऋण के लिए केसीसी ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई। इससे छत्तीसगढ़ के 27 लाख से ज्यादा किसानों को लाभ होगा। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए ऋण सीमा को 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया है ।
छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय बजट में ये प्रावधान
- छग के 75 लाख आदिवासियों, 27 लाख किसानों, 12 लाख सामान्य व्यापारी, 10 लाख युवाओं व लाखों एससी एसटी की महिलाओं को बजट से सीधा लाभ।
- पहली बार बिजनेस शुरू करने पर 5 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति महिलाओं को 2 करोड़ का टर्म लोन।
- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने से छग के 27 लाख किसानों को इसका सीधा लाभ।
- राज्य को 5054 करोड़ की अतिरिक्त राशि।
- छग के 8 सेक्टर में 3 करोड़ रोजगार सृजन। टॉय और लेदर इंडस्ट्री में 22 लाख, 22 लाख, टूरिज्म के क्षेत्र में 50 लाख रोजगार,स्वास्थ्य सेवाओं में 1 लाख रोजगार,स्टार्ट अप में 50 लाख रोजगार ग्रामीण कौशल विकास में 50 लाख, शहरों में 10 लाख रोजगार।
- शहरों के पुनर्विकास के लिए 1 लाख करोड़ का प्रावधान है।
बुद्धिजीवियों को गिनाई केंद्रीय बजट की खूबियां
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू की उपस्थिति में प्रेम शुक्ला ने बताया कि यह बजट भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए आधारभूत संरचना के रूप में लिया गया है। मोदी सरकार की 2014 से 2025 तक इस ग्यारह वर्षों के गवर्नेस के मूल में इण्डिया फर्स्ट की अवधारणा रही है। उन्होंने देश की 80 आबादी के चूल्हों तक राशन पहुंचाने की मिसाल कायम की। पिछले सात वर्षों के कार्यकाल में 28 प्रतिशत लोग ग़रीबी रेखा से ऊपर आए हैं और जिसका लाभ केवल गरीबों को ही नहीं अपितु देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। उनकी क्रय शक्ति से देश के उद्यमी व्यवसाइयों को सीधा लाभ हुआ है।