विजय केशरवानी ने पत्रकार वार्ता में त्रिलोक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने
कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ न चुनाव प्रचार किया बल्कि पत्नी को पंचायत चुनाव में अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ खड़ा किया जो अनुशासनहीनता में आता है। विजय ने बताया कि इसकी लिखित शिकायत वार्ड 68 की कांग्रेस प्रत्याशी ने की थी। त्रिलोक श्रीवास के खिलाफ 2008, 2013, 2018 विधानसभा चुनाव और 2019, 2023 के चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने की शिकायतें भी शामिल थीं। निष्कासन का फैसला जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया है।
राष्ट्रीय पदाधिकारी पर कार्रवाई नहीं कर सकती जिला कांग्रेस
इधर, त्रिलोक चंद्र श्रीवास का दावा है कि वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक है एवं यूपी तथा गुजरात के प्रभारी हैं। उन्होंने पार्टी विरोधी कोई कार्य नहीं किया है। जिला अध्यक्ष को राष्ट्रीय पदाधिकारी पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।