CG Board Exam 2025: प्री-बोर्ड जारी..
चुनाव में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। ट्रेनिंग से लेकर वोटिंग और मतगणना की जिम्मेदारियां इन्हीं के कंधों पर होती हैं। 14 फरवरी से
सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। फरवरी का पूरा महीना चुनाव में बीतेगा। इसी तरह सीजी बोर्ड की परीक्षा 1 मार्च से शुरू हो रही है।
वर्तमान में प्री-बोर्ड परीक्षा भी चल रही है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को अब खुद ही वार्षिक परीक्षा की तैयारी करनी पड़ेगी। शिक्षक संघ भी मान रहा है कि इलेक्शन और
एग्जाम साथ-साथ होने से परीक्षा की तैयारी पर असर पड़ेगा। ऐसे में इस बार बोर्ड के परीक्षा परिणाम पर भी इस चुनाव का असर पड़ने वाला है।
कब कौन सी परीक्षा
आईसीएसई: 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से 27 मार्च तक 12वीं बोर्ड की 13 फरवरी से 5 अप्रैल तक चलेगी। सीबीएसई: कक्षा 10वीं की परीक्षा 15 फरवरी से 18 मार्च के बीच तो कक्षा 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से 4 अप्रैल, के मध्य होगी। सीजीबोर्ड: छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस बार 12वीं बोर्ड की परीक्षा 1 से 28 मार्च तक चलेगी। इसी तरह 10वीं बोर्ड की परीक्षा 3 से 24 मार्च तक होगी।
इलेक्शन और एग्जाम एक साथ होने पर ऐसा पड़ेगा असर
सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षाएं 13 से 15 फरवरी के बीच शुरू हो रही हैं। नगरीय निकाय के लिए 11 फरवरी को मतदान होगा। नामांकन प्रक्रिया 27 जनवरी से शुरू हो चुकी है। 3 फरवरी तक नाम निर्देशन पत्रों की खरीदी, 4 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद तीन चरणों में मतदान होंगे। प्रथम चरण के लिए 17 फरवरी, दूसरे चरण में 20 फरवरी, तीसरे चरण में 23 फरवरी को मतदान होंगे। परिणामों की घोषणा 19, 22 और 25 फरवरी को होगी। 1 मार्च से
सीजी बोर्ड की परीक्षा शुरू होगी। ऐसे में परीक्षा और तैयारी दोनों बुरी तरह प्रभावित होंगी।
सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में बनेंगे मतदान केंद्र
सरकारी, अनुदान प्राप्त सहित प्राइवेट स्कूलों को मतदान केंद्र बनाया जाएगा। दो दिन स्कूल बंद करनी पड़ेगी। कक्षाएं नहीं लग पाएंगी। यहीं नहीं स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर इस्तेमाल होगा। टीचरों की लगेगी चुनावी ड्यूटी
नगरीय निकाय व
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संचालन को लेकर लगभग 2200 से अधिक शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही इनकी चुनावी ड्यूटी लगेगी। ऐसे में वे स्कूलों में समय नहीं दे पाएंगे। छात्रों को सपोर्ट नहीं मिलेगा।
अध्ययन के बीच चुनावी शोरगुल
परीक्षा तैयारी के लिए छात्रों को शांत माहौल की जरूरत होती है। जिले में कोलाहल अधिनियम लागू है, लेकिन चुनावी शोरगुल को रोकना मुश्किल है। चुनावी हलचल और नारेबाजी, लाउडस्पीकर से परीक्षा तैयारी पर भी असर पड़ेगा। संघ का प्रयास, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो
छग टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मानिर्वाचन ने कहा की अतिआवश्यक कार्य है। बोर्ड परीक्षा भी जरूरी है। दोनों के बीच तालमेल बनाकर
छात्र-छात्राओं को तैयारी कराना शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती है। मिशन 19 के लक्ष्य को प्राप्त करने प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में सभी शिक्षक प्रयास कर रहे हैं कि चुनाव ड्यूटी पर जाने से पहले कोर्स पूरा कराकर बच्चों का रिविजन भी हो जाए। शिक्षक संघ पूरा प्रयास कर रहा है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।