सट्टा कारोबार का नेटवर्क इस बार और हाईटेक हो गया है, जहां बुकिंग से लेकर भुगतान तक सभी लेन-देन इंटरनेट मीडिया और व्हाट्सएप के जरिए हो रहा है। इस बार सटोरियों ने हाईटेक मशीनों और ऑनलाइन सिस्टम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। बुकिंग के लिए अब कॉल या मैसेज के बजाय ज्यादातर व्हाट्सएप और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है। बुकिंग और दांव लगाने की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है, जिससे पुलिस के लिए इन पर कार्रवाई करना मुश्किल हो रहा है।
हर बॉल पर दांव, कार में घूमकर खिलाने का ट्रेंड
पिछले एक-दो सीजन से सटोरियों ने नया तरीका अपनाया है। अब वे एक जगह बैठकर
सट्टा नहीं खिलाते हैं। इसके लिए वे कार में घूम-घूमकर या फिर शहर के बाहरी क्षेत्र में रहते हैं। होटल और फार्म हाउस में भी बैठकर यह खेल चलता है। इसके लिए पहले से बुकिंग की जाती है।
शहर में रहने वाले सटोरिए सट्टा लगाने वालों की जानकारी मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में बैठे अपने सरगना को दे रहे हैं। उनकी इच्छा के अनुसार, हर बॉल, ओवर और रन का रेट निर्धारित कर कारोबार किया जा रहा है।
IPL 2025: दूसरे शहरों से संचालन कर रहे बड़े बुकी
सट्टा कारोबारियों का नेटवर्क इतना मजबूत हो गया है कि कार्रवाई सिर्फ छोटे एजेंटों तक ही सीमित रह जाती है। बड़े बुकी हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, गोवा और कोलकाता जैसे शहरों में बैठकर ही सट्टे का संचालन कर रहे हैं। स्थानीय एजेंट (पंटर) शहर के आउटर इलाकों में सक्रिय हैं और पुलिस को चकमा देने के लिए लगातार ठिकाने बदलते रहते हैं।
बिलासपुर में आईपीएल के दौरान करोड़ों का अवैध सट्टा हर रोज लगाया जा रहा है, लेकिन पुलिस अब तक इस पूरे नेटवर्क पर नकेल कसने में नाकाम रही है।
सटोरियों को पकड़ने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। पुराने सटोरियों की पतासाजी की जा रही है। आईपीएल को लेकर विशेष तैयारी की गई है। हमेशा सटोरिए ट्रेंड बदलते रहते हैं। कभी होटलों में तो कभी कारों में ये दांव लगाते हैं। पतासाजी के लिए पुलिस अफसरों को निर्देशित किया गया है। – रजनेश सिंह, एसएसपी, बिलासपुर