इसके अलावा, शिव योग और सिद्ध योग भी बन रहे हैं, जो पूजा-अर्चना से मनोकामनाओं की पूर्ति का कारण बनते हैं। अमृत सिद्धि योग भी इस दिन के व्रत और अनुष्ठानों के फल को कई गुना बढ़ा देगा। महाशिवरात्रि के मौके पर शहर के प्रमुख मंदिरों में विशेष तैयारियां चल रही हैं। शहर के मध्यनगरी चौक शिव मंदिर, सरकंडा नंदीश्वर मंदिर, तिफरा अयप्पा मंदिर, सदर बाजार घोंघा बाबा मंदिर, तिलक नगर श्रीराम मंदिर और चांटीडीह शिव मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में रंग-रोगन और साफ-सफाई का कार्य तेज़ी से चल रहा है।
50 दर्जन केला और 30 किलो अंगूर का प्रसाद
महाशिवरात्रि के दिन भोले शंकर की भव्य बारात निकाली जाएगी। विभिन्न स्थानों पर मेला और झांकियों का आयोजन होगा। रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन मंदिरों में सुबह से रात तक जारी रहेगा। तिलक नगर श्रीराम मंदिर में सुबह 4 बजे भगवान शिव का श्रृंगार, पूजा-अर्चना और आरती होगी और भक्तों को 50 दर्जन केले और 30 किलो अंगूर का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
पंचायती मंदिर में एक क्विंटल पेड़े का भोग
तिफरा अयप्पा मंदिर में महामृत्युंजय जाप, रुद्राभिषेक, भष्माभिषेक और पाल अभिषेक होंगे। वहीं, मगरपारा के अष्टमुखी शिव पंचायती मंदिर में भी महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक होगा। यहां भगवान शिवलिंग में आठ मुख हैं। इस मंदिर में 1 क्विंटल पेड़े का प्रसाद चढ़ेगा, और 300 किलो मेवा, मिष्ठान, फल और 100 किलो ठंडाई का भोग भी अर्पित किया जाएगा। शाम 4 बजे भगवान की बारात भी निकाली जाएगी, जिसमें भगवान की झांकियां भी होंगी।
पीतांबरा पीठ में होगा महारुद्राभिषेक
शहर के सरकंडा सुभाष चौक स्थित त्रिदेव मंदिर में भी श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक और महाशिवरात्रि महोत्सव एवं रुद्राक्ष वितरण का आयोजन किया जाएगा। पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने शिवलिंग की महिमा बताते हुए कहा कि एक करोड़ शिवलिंग की पूजा अर्चना से जो फल प्राप्त होता है वह फल केवल पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त किया जा सकता है।
93 साल से हो रहा मेले का आयोजन
चांटीडीह शिव मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि के दिन एक विशेष मेला आयोजित होगा। मंदिर समिति और मेला अध्यक्ष शंभू सोनी के अनुसार, इस साल आस-पास की झुग्गी-झोपड़ियां हटाई गई हैं। मेला प्रभारी दया शंकर सोनी ने बताया कि चांटीडीह में 1932 से मेला आयोजित किया जा रहा है, और इस साल भी मंदिर परिसर में चारों धाम की मूर्तियों के दर्शन के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। मेला क्षेत्र में महिला और पुरुष पुलिस बल की तैनाती की जाएगी, ताकि सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा सके।