इससे इसके गेट लगने के बाद मेज नदी में करीब तीन से चार किलोमीटर दूरी तक पानी भरा रहेगा एवं आसपास के एक दर्जन गांवों का भूजल स्तर ऊंचा रहेगा।
सादेडा एनीकट मेज नदी पर बन रहा है। इसका कार्य तीन वर्ष से कछुआ गति से चल रहा है ।ऐसे में इसका निर्माण कार्य भी मात्र 40 फीसदी ही पूरा हुआ है।बीच में कार्य बंद पड़ा हुआ। ऐसे में इस वर्ष सादेडा एनिकट भी पूर्ण बनने की संभावना नहीं है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संवेदक को कई बार यह एनीकट निर्माण कार्य पूरा करने को कहा गया है। लेकिन वह श्रमिकों की कमी का कारण बात कर पल्ला झाड़ रहा है। ऐसे संविदा को कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
झाडक़स एनीकट निर्माण कार्य नाम मात्र का हुआ है। शुरू में जो कार्य हुआ था उसके बाद ही संवेदक उसका निर्माण कार्य छोड़ दिया था । एनीकट का निर्माण कार्य में काफी समय लगेगा।
नहीं मिली हजारों किसानों को राहत
ग्राम झाडक़स, बडग़ांव वह सादेडा एवं आसपास के क्षेत्रों के किसानों का कहना है मेज नदी पर 3 एनीकट बन जाते तो आज मेजनदी में करीब 10 से 12 किलोमीटर लंबाई तक पानी भरा रहता। लेकिन विभाग द्वारा संवेदक पर ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा।
जल संसाधन विभाग के अधिकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार ने सादेडा, बडग़ांव, झाडक़स एनीकट का कार्य पूरा करवाने के लिए दो बार अवधि बढ़ाई गई है।लेकिन झाडक़स वह सादेडा एनिकट का कार्य बंद पड़ा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि विभाग द्वारा संवेदक को जून 2025 तक कि कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन बडग़ांव के अलावा सादेडा व झाडकस पूरा नहीं हो पाएगा।
में संवेदक को नोटिस जारी कर कार्य अविलंब शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं। फिर भी लापरवाही करता
है तो कार्रवाई की जाएगी।
रोहित कुमार, अधिशासी अभियंता जलसंसाधन विभाग बूंदी।