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खाद्य सुरक्षा में अपात्र, लेकिन ले रहे थे लाभ, बूंदी के 325 लोगों ने मानी गलती

सरकार की सख्ती दिखी तो खाद्य सुरक्षा के पात्र नहीं होने के बावजूद योजना का लाभ उठा रहे लोगों को अब कार्रवाई का डर सताने लगा है।

बूंदीJan 28, 2025 / 05:57 pm

पंकज जोशी

खाद्य सुरक्षा में अपात्र, लेकिन ले रहे थे लाभ, बूंदी के 325 लोगों ने मानी गलती

बूंदी जिला रसद कार्यालय में आवेदन जमा कराते हुए

बूंदी. सरकार की सख्ती दिखी तो खाद्य सुरक्षा के पात्र नहीं होने के बावजूद योजना का लाभ उठा रहे लोगों को अब कार्रवाई का डर सताने लगा है। या यूं कहें तो खाद्य सुरक्षा के तहत गेहूं लेने वाले अपात्र लोग अपनी पोल खुलने से बचने के लिए वो खुद ही स्वेच्छा अपना नाम लेने में भलाई समझने लगे है। अब तक के अभियान के तहत जिले से 325 लोगों ने स्वेच्छा से नाम हटाने के लिए रसद कार्यालय या फिर अपने संबंधित उचित मूल्य की दुकान पर आवेदन कर चुके है।
31 जनवरी तक अपात्र लोगों ने खाद्य सुरक्षा से नाम वापस नहीं लिया तो उनके विरुद्ध सख्ती के साथ वसूली की कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर विभाग भी तैयारी में जुट गया है। इस स्वेच्छा से नाम हटवाने के अभियान को गिवअप नाम दिया है। इसके तहत खाद्य सुरक्षा के तहत गेहूं लेने वाले सक्षम लोग स्वेच्छा से योजना में से अपना नाम हटवा सकते हैं। रसद विभाग की ओर से 31 जनवरी तक अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा से जुड़े उपभोक्ताओं की जांच की जाएगी। यह सभी जांच ऑनलाइन माध्यम से होगी।
900 परिवार को किया निष्क्रिय
अब तक रसद विभाग ने जिले के 900 परिवार के साढ़े तीन हजार सदस्यों को योजना से निष्क्रय कर दिया है। इसके पीछे कारण यह है कि इन परिवार के सदस्य पिछले कई वर्षों से राशन कार्ड का उपयोग नहीं ले रहे है। ऐसे में विभाग ने उन्हें निष्क्रिय कर दिया यानि उनका राशन कार्ड बंद कर दिया है। अगर फिर भी संबंधित उपभोक्ता विभाग के नॉर्मस के आधार पर ई-केवाईसी करा लेता है उसका राशन चालू कर दिया जाएगा।
38 हजार सदस्य की ई-केवाईसी शेष
विभाग की ओर से एनएफएसए योजना के तहत लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी भी कराई जा रही है। इस मामले में बूंदी प्रदेश में नंबर वन है। जिले में अब तक 92 फीसदी उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी हो गई है। जबकि शेष 38 हजार सदस्यों की ई-केवाईसी होनी शेष है। दूसरे नंबर पर जयपुर 90.85, तीसरे नंबर पर कोटा 90.85 व चौथे नंबर पर नागौर जिला 90.38 फीसदी अंक के साथ अपने जिले में ई-केवाईसी करा चुके है। अगर शेष बचे उपभोक्ता ई-केवायसी नहीं कराते थे तो विभाग ने इनको गेहूृं बंद करने की तैयारी कर ली है।
इनकी आयु 10 वर्ष से 60 साल तक की है। जबकि सबसे अंतिम पायदान पर 33 वें नंबर पर बारां जिला 83.03,32 वें नंबर पर जालौर जिला 83.74 व उदयपुर जिला 84.21 फीसदी अंकों के साथ 31 वें पायदान पर है। प्रदेश में अब तक एक करोड़ 67 लाख राशन कार्ड के 4 करोड़ 35 लाख 42 हजार 810 सदस्य शामिल है। इसमें से 3 करोड़ 83 लाख 33 हजार 425 उपभोक्ताओं ई-केवायसी यानि 88 फीसदी हो चुकी है। अब तक प्रदेश में 52 लाख 9 हजार 385 उपभोक्ता के ई-केवाईसी होना शेष है।
इनसे पकड़ में आएंगे अपात्र लोग
विभागीय जानकारों के अनुसार खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से केवाईसी कराई गई है। इसके तहत लाभार्थियों के राशन कार्ड आधार कार्ड जुड़ गए हैं। आधार कार्ड से पैन कार्ड लिंक है। पैन कार्ड से बैंक खाता जुड़ा होने के कारण खाते में आने वाले भुगतान और आईटीआर आदि की जानकारी मिल जाएगी। साथ ही परिवहन विभाग को सूची भेजकर उनके नाम से रजिस्ट्रर्ड चौपहिया वाहनों की जानकारी निकलवाई जाएगी। इससे अपात्र उपभोक्ता तुरंत पकड़ में आएंगे और उनसे वसूली की जाएगी।
11 हजार सदस्य कम हुए
सितंबर से शुरू हुए अभियान में अब तक कुल राशन कार्ड में से 3 हजार कम हो गए है। यानि इनके 11 हजार सदस्य को अपात्र मानते हुए योजना से बाहर कर दिया गया है। विभाग के पास हर रोज 25 से 30 आवेदन प्रतिदिन स्वेच्छा से नाम हटाने वालों के आ रहे है।
यह होंगे योजना से बाहर
अभियान में आयकरदाता, चौपहिया वाहन धारक, सरकारी कर्मचारी, अर्द्ध ं सरकारी, स्वायत्त संस्था में कर्मचारी-अधिकारी एक लाख से अधिक वार्षिक पारिवारिक आय व परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन ट्रेक्टर एवं एक वाणिज्यिक वाहन जो जीविकोपार्जन में प्रयोग आते है को छोडकऱ निष्कासन सूची में शामिल है।
31 जनवरी तक स्वेच्छा से हटाए नाम
एनएफएसए ने स्वेच्छा से 31 जनवरी तक नाम हटाएं जा सकते है। इसके बाद नाम नहीं हटाने पर सरकार की ओर से वसूली की जाएगी। बूंदी में अब तक 325 नाम हटे है। आवेदन लगातार आ रहे है। हर उचित मूल्य की दुकान पर गिवअप अभियान संबंधित पोस्टर लगा रखे है। सितंबर से अभियान चल रहा है। बूंदी जिले में 3 हजार राशन के 11 हजार सदस्य कम हो गए है।
शिवजीराम जाट, प्रवर्तन निरीक्षक, रसद विभाग,बूंदी

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