गोठड़ा बांध की सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए करीब साढ़े नौ करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। गोठड़ा बांध की सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य के दौरान बीफर जॉय तूफान आ गया था, जिसके बाद संवेदक द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही बरतना शुरू कर दिया, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों ने भी नजरंदाज कर दिया। करीब एक साल बाद ही बांध भरने से पहले ही सुरक्षा दीवार पर कई जगह दरारें आ गई, जिसे भी विभाग ने मिट्टी डालकर दबा दिया। मानसून में ही बांध लबालब हो गया निर्माण कार्य में रही लापरवाही के नतीजे के कारण बांध की सुरक्षा दीवार व बांध पर खतरा मंडराने लगा धीरे-धीरे बांध के फुटवॉल से मिट्टी की खिसकती गई और दीवार पानी की ओर झुक गई। जिसे लेकर गोठड़ा के ग्रामीणों ने भी प्रशासनिक अधिकारियों व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ प्रभु लाल सैनी को ज्ञापन भेज कर बांध की सुरक्षा दीवार निर्माण की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की थी।
ग्रामीणों की शिकायत पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सैनी ने गोठड़ा बांध का निरीक्षण किया और मौके से ही जल संसाधन जल संसाधन मंत्री को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उसके बाद जल संसाधन मंत्री के निर्देश पर चार सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति ने गोठड़ा बांध पर निरीक्षण किया।समिति द्वारा गोठड़ा बांध की बनाई गई सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा बरती गई तकनीकी कमी, स्टेङ्क्षरग सीधी नहीं लगाना, निर्धारित मॉनिटङ्क्षरग, संवेदक की लापरवाही सहित कई ङ्क्षबदुओं का रिपोर्ट में जिक्र किया गया। अभी हाल ही में जल संसाधन विभाग को मिले निर्देश पर बांध की सुरक्षा दीवार को ऊपर की ओर से करीब साढ़े तीन सौ फीट तक एक मीटर तोडकऱ दीवार का वापस निर्माण कार्य शुरू करवाया है।
रोहित बघेरा, अधिशासी अभियंता,जल संसाधन विभाग बूंदी।