फील्ड डायरेक्टर ने बाघ को जंगल में रिलीज करने के लिए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को अनुशंसा भेज दी है। अब एनटीसीए की स्वीकृति के बाद बाघ को जल्द ही जंगल में छोडऩे की उम्मीद है।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में मां की मौत के बाद बेसहारा हुए दो शावकों को अभेड़ा बॉयोलॉजिकल पार्क, कोटा में पाला गया। नर शावक को 4 दिसंबर 2024 को रामगढ़ के एनक्लोजर में लाया गया, जहां वह अब तक 50 से अधिक शिकार कर चुका है। मादा शावक को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में भेजा गया था।
रामगढ़ प्रबंधन ने ’रीवाइङ्क्षल्डग’ की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है। देश में यह पहला उदाहरण है जब किसी चिडिय़ाघर में पले बाघ को जंगल में जीवित रहने योग्य बनाया गया है।
अरङ्क्षबद कुमार झा, उपवन संरक्षक, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बाघ अब पूरी तरह जंगल के अनुकूल हो चुका है, जल्द ही उसे खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।
सुगनाराम जाट, फील्ड डायरेक्टर, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व