8th Pay Commission को लेकर कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति है। Patrika
केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद अब तक इसके Terms of Reference (ToR) को लेकर जारी असमंजस ने लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों की चिंता बढ़ा दी है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (DoPT) ने 23 जनवरी 2025 को आयोग के गठन की बात कही थी और ToR के लिए स्टाफ साइड National Council JCM से सुझाव भी मांगे गए थे। लेकिन उसके बाद से 8th Pay Commission को लेकर कार्रवाई ठंडी पड़ गई है। इस संबंध में न तो ToR फाइनल हुआ और न ही आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन हुआ।
स्टाफ साइड के सचिव गोपाल मिश्रा ने 8th Pay Commission विषय पर कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 8th Pay Commission के सुझावों की प्रस्तुति और एक प्रारंभिक बैठक के बाद भी अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस सूचना नहीं दी गई है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के बीच भ्रम और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
ToR जारी न होने से अफवाह फैल रही
मिश्रा ने लेटर में कहा है कि जब तक सरकार स्पष्ट और सार्वजनिक रूप से 8th Pay Commission ToR की घोषणा नहीं करती, तब तक यह संदेह बना रहेगा कि 8th Pay Commission की घोषणा वास्तव में एक ठोस प्रशासनिक निर्णय है या सिर्फ औपचारिकता। कई कर्मचारी और संगठनों में यह आशंका गहराती जा रही है कि सरकार इस आयोग को लागू करने में गंभीर नहीं है। विशेषकर तब, जब हाल ही में प्रस्तुत Finance Bill 2025 में यह संकेत मिला कि पेंशनधारकों को 8th Pay Commission के अंतर्गत वेतन निर्धारण (8th Pay Commission Pay Fixation) का फायदा देना सरकार के विवेक पर निर्भर होगा। इससे रिटायर कर्मचारियों में भारी असंतोष फैल गया है।
गोपाल मिश्रा ने अपने लेटर में सरकार से 3 प्रमुख मांगें रखी हैं: 1- 8th Pay Commission ToR की तत्काल सार्वजनिक घोषणा की जाए ताकि कर्मचारियों और पेंशनधारकों के बीच फैले भ्रम को दूर किया जा सके।
2- यह स्पष्ट किया जाए कि 8th Pay Commission की सिफारिशों का लाभ पेंशनधारकों को भी मिलेगा ताकि उन्हें समानता और निष्पक्षता का भरोसा मिल सके। 3- 8th Pay Commission के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाकर इसको अंतिम रूप दिया जाए ताकि जनवरी 2026 तक इसकी सिफारिशें लागू की जा सकें।
देशभर में केंद्रीय कर्मचारियों के बीच 8th Pay Commission को लेकर काफी असंतोष देखा जा रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार की चुप्पी उनकी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े करती है। उनका यह भी कहना है कि 7वें वेतन आयोग के बाद से लगातार महंगाई और जीवनयापन की लागत में वृद्धि हुई है, ऐसे में नया वेतन आयोग समय की जरूरत है।
पेंशनधारकों की चिंता वाजिब : मिश्रा
मिश्रा के मुताबिक रिटायर कर्मचारियों का कहना है कि अगर 8th Pay Commission की सिफारिशों का लाभ उन्हें नहीं दिया गया तो यह उनके साथ अन्याय होगा। वे चाहते हैं कि उन्हें भी सक्रिय कर्मचारियों की तरह वेतन निर्धारण के समान लाभ मिलें।
सरकार की ओर से अब तक चुप्पी
अब तक सरकार की ओर से 8th Pay Commission पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। न ही 8th Pay Commission ToR सार्वजनिक किए गए हैं, न ही यह स्पष्ट किया गया है कि पेंशनधारकों को आयोग की सिफारिशों का फायदा मिलेगा या नहीं। इससे पूरे सरकारी तंत्र में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्टाफ साइड ने लेटर में आशा जताई गई है कि कैबिनेट सचिव इस संवेदनशील 8th Pay Commission के मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए जल्द फैसला लेंगे।
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