कैसे मिलती है रिफंड की सूचना
आईटीआर भरने के बाद कई टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग द्वारा रिफंड जारी होता है। जब टैक्सपेयर अपना आईटीआर फाइल करता है, तो आयकर विभाग द्वारा उस आईटीआर को प्रोसेस किया जाता है। इसके बाद आयकर विभाग करदाता को सेक्शन 143(1) के तहत CPC (सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर) से एक इन्फॉर्मेशन भेजता है, इससे पता चलता है कि टैक्सपेयर को रिफंड में कितनी रकम मिलेगी।
रिफंड में कितना पैसा मिलता है वापस?
रिफंड की रकम टैक्सपेयर द्वारा रिटर्न में क्लेम की गई राशि के बराबर हो सकती है या फिर इससे अधिक या कम हो सकती है। आपको रिफंड में वह राशि मिलती है, जो आपके द्वारा टैक्स लायबिलिटी से अधिक भुगतान की गई रकम होती है। आप अपनी टैक्स लायबिलिटी का कैलकुलेशन करके अपने रिफंड की रकम जान सकते हैं। अगर आपके द्वारा भरा गया टैक्स आपकी टैक्स लायबिलिटी से अधिक है, तो वह अतिरिक्त रकम आपको रिफंड के रूप में मिल जाएगी।
कितने दिन में मिलता है रिफंड?
आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरने के कितने दिन बाद रिफंड मिलेगा, यह आयकर विभाग के वर्कलोड पर भी निर्भर करता है। आमतौर पर आईटीआर भरने के 3 से 5 हफ्ते बाद रिफंड मिलता है। असेसमेंट ईयर के खत्म होने के 9 महीने बाद तक रिफंड जारी किया जा सकता है।
इन वजहों से अटक सकता है आपका रिफंड
रिफंड पाने के लिए सबसे पहले तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। कई मामलों में कर्मचारी की सैलरी से हर महीने टैक्स कट रहा होता है, लेकिन कर्मचारी द्वारा आईटीआर ही नहीं भरी जाती और वह रिफंड से वंचित रह जाता है। अगर आपने अपनी आईटीआर को ई-वेरिफाई नहीं कराया है, तो भी आपका रिफंड अटक सकता है। आईटीआर को वेरिफाई नहीं कराने पर यह प्रोसेस ही नहीं होती है। इसके अलावा, अगर आपका PAN आधार से लिंक नहीं है, टीडीएस मैच नहीं हो रहा है या आपने अकाउंट नंबर गलत दर्ज कर दिया है, तब भी आपको रिफंड नहीं मिलेगा।