ये भी पढ़े:- आज है अंतिम मौका, चूकने पर हो सकता है भारी नुकसान पेप्सिको की रणनीति (PepsiCo Haldiram Deal)
पेप्सिको, जो पहले से ही भारतीय बाजार में Lay’s और Kurkure जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स के जरिए मौजूद है, हल्दीराम के साथ साझेदारी करके एथनिक स्नैक्स सेगमेंट में अपनी जगह मजबूत करना चाहती है। हल्दीराम के पास इस सेगमेंट में मजबूत पकड़ है, और इसका व्यापक डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क पेप्सिको को ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों तक पहुंचने में मदद करेगा।
हिस्सेदारी की पेशकश और संभावित निवेशक
हल्दीराम के मालिक, अग्रवाल परिवार, 10-15% हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं। इस हिस्सेदारी के लिए न केवल पेप्सिको (PepsiCo Haldiram Deal) बल्कि टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल जैसे बड़े निवेशकों ने भी अपनी रुचि दिखाई है। दोनों ने पिछले महीने अपने प्रस्ताव दिए, जिससे डील की प्रतिस्पर्धा और तीव्र हो गई है।
डील के पीछे का उद्देश्य
पेप्सिको की योजना (PepsiCo Haldiram Deal) भारत के स्नैक्स बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करने की है। हल्दीराम के साथ साझेदारी उन्हें एथनिक और फ्यूजन स्नैक्स के तेजी से बढ़ते बाजार में एक नई पहचान देगी। हल्दीराम की लोकप्रियता न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी है, जो पेप्सिको के लिए एक अंतरास्ट्रीय विस्तार का रास्ता साफ कर सकती है। अगर यह डील सफल होती है, तो पेप्सिको की ओर से फंडिंग उनकी अमेरिका स्थित पैरेंट कंपनी द्वारा की जाएगी।
हल्दीराम का मूल्यांकन और चुनौतियां
हल्दीराम का अनुमानित मूल्यांकन 85,000-90,000 करोड़ रुपये का है, जो इसे भारत की सबसे महंगी फूड कंपनियों (PepsiCo Haldiram Deal) में से एक बनाता है। हालांकि, बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और नए खिलाड़ियों की एंट्री ने हल्दीराम के लिए चुनौतियां भी खड़ी की हैं। बीकानेरवाला, बालाजी, बीकाजी फूड्स, गोपाल स्नैक्स और प्रताप स्नैक्स जैसे ब्रांड हल्दीराम के मुख्य प्रतिस्पर्धी हैं। इन कंपनियों ने अपने सस्ते उत्पादों और बेहतर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के जरिए बाजार में पकड़ मजबूत की है।
एथनिक स्नैक्स का बढ़ता बाजार
भारत में एथनिक स्नैक्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। कोविड-19 महामारी के बाद लोगों की घर पर बने पारंपरिक स्नैक्स की ओर बढ़ती रुचि ने इस सेगमेंट को और बढ़ावा दिया है। डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड्स और क्षेत्रीय कंपनियों ने भी इस सेगमेंट में बड़ी हिस्सेदारी हासिल की है। ये भी पढ़े:- देश के इन 201 लोगों के पास 86 खरब की दौलत; थोड़ी कम हुई अदाणी-अंबानी की हैसियत उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए क्या है खास?
यह डील अगर सफल होती है, तो उपभोक्ताओं को नए और विविधतापूर्ण प्रोडक्ट्स मिल सकते हैं। वहीं, निवेशकों के लिए यह सौदा बड़े मुनाफे का अवसर हो सकता है। हल्दीराम और पेप्सिको की यह साझेदारी भारत के फूड एंड बेवरेज सेक्टर में एक नया अध्याय लिख सकती है।