Income Tax Action: आयकर विभाग पूरे देश में एक बड़े अभियान की तैयारी कर रहा है जो उन व्यक्तियों और कंपनियों पर केंद्रित होगा जिन्होंने टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स और टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (TDS-TCS) नहीं काटा है या जमा नहीं किया है। लगभग 40,000 टैक्सपेयर्स जांच के दायरे में हैं। ईमानदार करदाताओं के लिए प्रक्रिया सरल बनाई जाएगी। यह कदम टैक्स चोरी कम करने और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देशभर में TDS-TCS डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई की योजना बनाई है, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इन्हें पकड़ने के लिए 16 सूत्रीय योजना बनाई है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में काटे गए टैक्स के आधार पर हो रही है।
डेटा एनालिटिक्स टीम ने जांच के लिए ऐसे टैक्सपेयर्स की एक पूरी लिस्ट तैयार की है। विभाग ने भी अधिकारियों से कहा है कि वे कटौती करने वालों द्वारा दायर की गई शिकायतों पर भी ध्यान दें। हालांकि एक अधिकारी ने कहा कि विभाग के पहले के अभियानों की तरह इसमें भी किसी को परेशान नहीं किया जाएगा।
टैक्स चोरी रोकने की कवायद
इसके जरिए ईमानदार करदाताओं के लिए टीडीएस अनुपालन में ढील दी गई है। वहीं जानबूझकर डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे टैक्स सिस्टम निष्पक्ष और न्यायसंगत बनेगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे टैक्स चोरी कम होगी और राजस्व बढ़ेगा और इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
प्रत्यक्ष कर में टीडीएस का हिस्सा
वर्ष
TDS
कुल कलेक्शन
हिस्सेदारी प्रतिशत
2019-20
4,80,383
10,50,681
45.7
2020-21
4,70,276
9,47,176
49.7
2021-22
6,34,243
14,12,422
44.9
2022-23
8,17,970
16,63,686
49.2
2023-24
6,51,922
19,60,166
33.3
विभाग ने दिए थे 20 हजार को नोटिस
वहीं आयकर विभाग ने हाल ही में देशभर में 20 हजार लोगों को नोटिस जारी कर विदेश में संपत्ति और आय के श्रोत की जानकारी देने को कहा था। इनमें से करीब 12000 लोगों ने रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल कर इसकी जानकारी दे दी है, जबकि 8000 लोगों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। एंटी ब्लैक मनी लॉ के तहत इन केसेज में 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कंसल्टेंसी लेटर में दी गई जानकारी
विभाग ने कंसल्टेंसी लेटर में स्पष्ट किया गया है कि भारत के कर निवासी के लिए पिछले साल कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। इसके तहत अगर वे टैक्स से जुड़ी किसी गतिविधि में शामिल रहे हैं तो भारत में उन पर टैक्स देनदारी बनेगी और इसे आईटीआर में शामिल करना जरूरी है।
विदेशी परिसंपत्तियों में क्या—क्या
बैंक खाता, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिक अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, इक्विटी और लोन हित, ट्रस्ट जिसमें व्यक्ति ट्रस्टी है, सेटलर का लाभार्थी, हस्ताक्षर प्राधिकार वाले खाते, संरक्षक खाता, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत लाभ वाली परिसंपत्ति आदि शामिल हैं।