सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक तमिलनाडु ऑटो, कॉल टैक्सी ड्राइवर्स एसोसिएशन फेडरेशन के बैनर तले ऑटो ट्रेड यूनियनों के एक समूह ने एगमोर के राजरथिनम स्टेडियम में विरोध प्रदर्शन किया, जबकि फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु ऑल ऑटो ट्रेड यूनियन्स के एक अन्य समूह ने चेन्नई कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ऑटो चालकों ने हिस्सा लिया, जिससे दोनों स्थानों पर तनाव बढ़ गया। सुबह 6 बजे से शुरू हुई यह हड़ताल शाम 6 बजे तक जारी रही। इसका उद्देश्य किराए में संशोधन, सरकार द्वारा संचालित राइड-हेलिंग ऐप और बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध सहित लंबे समय से लंबित मांगों को उजागर करना है।
वादों पर काम नहीं हुआ तमिलनाडु ऑटो, कॉल टैक्सी ड्राइवर्स एसोसिएशन फेडरेशन के अध्यक्ष टी.ए. जहीर हुसैन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ऑटो किराए में संशोधन किए हुए एक दशक से अधिक समय हो गया है और परिवहन मंत्री एस.एस. शिवशंकर द्वारा किए गए वादों के बावजूद इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया है। राज्य सरकार को सौंपे गए ज्ञापन में संघ ने परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा आयुक्त से कुछ परिवहन एग्रीगेटर्स द्वारा चलाए जा रहे बाइक टैक्सियों के संचालन के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। संघ ने कहा कि बाइक का अनधिकृत रूप से व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है और ऐसी टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
2013 से किराए में संशोधन नहीं तमिलनाडु ऑल ऑटो ट्रेड यूनियन्स फेडरेशन के पदाधिकारी जी. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि ऑटो महंगे हो गए हैं और पेट्रोल की कीमतें अधिक हैं, लेकिन राज्य ने 2013 से ऑटो किराए में संशोधन नहीं किया है। ऑटो चालक संघ चाहता है कि सरकार या तो परिवहन एग्रीगेटर्स के संचालन को विनियमित करे, जो ऑटो और कैब चालकों की कमाई का 25 प्रतिशत तक भारी कमीशन लेते हैं और साथ ही व्हाइट-बोर्ड वाहनों के दुरुपयोग को भी रोकें, जिनका उपयोग वाणिज्यिक वाहनों के रूप में किया जा रहा है।
50 रुपए न्यूनतम किराए की मांग यूनियनें 50 रुपए के न्यूनतम किराए की मांग कर रही हैं, जिसमें 25 रुपए प्रति अतिरिक्त किलोमीटर शामिल हैं। सरकार की निष्क्रियता से निराश होकर, कुछ ड्राइवरों ने स्वतंत्र रूप से अपनी दरें बढ़ा दी हैं, 50 रुपए का आधार किराया और 18 रुपए प्रति किलोमीटर चार्ज कर रहे हैं, लेकिन बहुत कम संख्या में ही लोगों ने ऐसा किया है। ड्राइवर केरल के डायनेमिक प्राइसिंग मॉडल के समान राज्य द्वारा संचालित राइड-हेलिंग ऐप की भी मांग कर रहे हैं।
कमाई हुई आधी तेनाम्पेट के एक ऑटो चालक सेल्वराजन ने दैनिक सवारी में उल्लेखनीय गिरावट देखी। उन्होंने कहा, “पहले, मुझे एक दिन में लगभग 30 सवारी मिलती थीं। अब, यह घटकर 15-20 रह गई है। कई बाइक टैक्सी सवार अपने कार्यालयों में आने-जाने के दौरान एक साइड बिजनेस के रूप में काम करते हैं, जिससे हमारी आय पर और असर पड़ता है।
चेन्नई में 89,641 पंजीकृत ऑटो रिपोर्टों से पता चलता है कि चेन्नई में 89,641 पंजीकृत ऑटो हैं, जिनमें से लगभग 78,000 निजी राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। इस बीच क्यूआर कोड पहल के पहले चरण में पहले ही 88,859 ऑटो और शेयर्ड ऑटो चालकों को क्यूआर कोड मिल चुके हैं। ऑटो चालकों ने क्यूआर कोड स्टिकर के टिकाऊपन को लेकर भी चिंता जताई है, जिसके बारे में उनका दावा है कि वे कागज़-आधारित सामग्री से बने होते हैं और आसानी से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
दो किमी के 150 रुपए देने पड़े आदम्बाक्कम निवासी विजय ने कहा कि हड़ताल के कारण उन्हें बुधवार सुबह पीक ऑवर्स में आलंदूर मेट्रो स्टेशन तक दो किलोमीटर की सवारी के लिए 150 रुपए से अधिक का भुगतान करना पड़ा। कुछ ऑटो चालकों ने मौके का फायदा उठाकर मनमाना किराया वसूला।