ब्लॉक स्तरीय निरीक्षण समिति की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
वर्ष 2025-26 के शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ से पहले कलेक्टर जैसवाल ने तीन सदस्यीय ब्लॉक स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने इन स्कूलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट जिला स्तरीय समिति को सौंपी थी। रिपोर्ट में सामने आया कि स्कूलों द्वारा शिक्षा विभाग के नियमों का घोर उल्लंघन किया गया है। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा संबंधित स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जवाब में प्रस्तुत प्रतिवाद तथ्यविहीन और असंतोषजनक पाए गए। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ईशानगर द्वारा की गई समीक्षा में भी यह पुष्टि हुई कि स्कूलों ने राज्य शिक्षा विभाग के निर्देशों और मप्र राजपत्र में प्रकाशित मान्यता (संशोधन) नियम 2017 के नियमों का पालन नहीं किया।इन सभी स्कूलों पर नियम 11, उप-नियम (2) के अंतर्गत आगामी सत्रों के लिए चेतावनी जारी करते हुए प्रति स्कूल 1-1 लाख रुपये की शास्ति अधिरोपित की गई है। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर किसी छात्र को पुस्तकें न बेची जाएं।
अभिभावकों को लौटाई जाएगी अधिक वसूली गई राशि
जिला समिति ने निर्देशित किया है कि मप्र निजी विद्यालय (फीस एवं संबंधित) नियम 2020 की धारा 9 (8) के अनुसार, यदि किसी भी अभिभावक से निर्धारित सीमा से अधिक राशि ली गई है, तो उसे वापस किया जाए। यह आदेश स्कूलों के लिए बाध्यकारी है और इसका अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा विभाग की होगी।
एनसीईआरटी और मप्र पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा निर्धारित पुस्तक मूल्य (कक्षा 1 से 8 तक)
एनसीईआरटी पुस्तकों के मूल्य:कक्षा 1–2: 195 कक्षा 3: 390 कक्षा 4–5: 260 कक्षा 6: 780 कक्षा 7: 940
कक्षा 2: 240
कक्षा 3: 315
कक्षा 4: 289
कक्षा 5: 317
कक्षा 6: 504
कक्षा 7: 509
कक्षा 8: 547