संकट मोचन तालाब की सफाई की
अभियान का उद्घाटन नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति चौरसिया, जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार, एसडीएम अखिल राठौर, सीएमओ माधुरी शर्मा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने किया। अभियान के दौरान नागरिकों को जल संरचनाओं और जल स्त्रोतों को स्वच्छ रखने का संदेश दिया गया। इस अभियान में सभी ने मिलकर संकट मोचन तालाब की सफाई की और जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला।
जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदेशव्यापी
जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदेशव्यापी है और यह 30 जून 2025 तक चलेगा। यह अभियान ग्रीष्म ऋतु में 90 दिन से अधिक समय तक जारी रहेगा और जनभागीदारी से जल संरक्षण और संवर्धन सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य जल संरचनाओं के निर्माण, भूजल संवर्धन, जल स्त्रोतों में प्रदूषण के स्तर को कम करना और जल वितरण संरचनाओं की सफाई करना है।
जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण
अभियान के तहत मुख्य कार्यों में जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण, तालाबों और नदियों का पुनर्जीवन, जल स्त्रोतों की सफाई, मरम्मत और जीर्णोद्धार, जल वितरण संरचनाओं की सफाई और प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा मानसून में पौधारोपण, ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम और स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जल संरचनाओं का पुनर्विकास
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए छोटे बांधों का निर्माण, नदियों के संरक्षण, जलधारा के आसपास फलदार पौधों के रोपण और जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्याऊ की व्यवस्था की जाएगी। पंचायत स्तर पर तालाबों के निर्माण, वन्य जीवों के लिए जल संरचनाओं का पुनर्विकास और वन क्षेत्र में जल संरक्षण के कार्य भी इस अभियान का हिस्सा होंगे।
अतिक्रमण मुक्त करने के कार्य भी होंगे
इस अभियान में लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण, नदियों में जलीय जीवों को पुनस्र्थापित करने की कोशिशें और नदियों की जलधारा को जीवित रखने के लिए गेबियन संरचना, ट्रेंच, पौध-रोपण, चेकडैम और तालाब निर्माण पर भी जोर दिया जाएगा। नहरों के संरक्षण, जलाशयों से रिसाव रोकने, तालाबों की पिचिंग, बैराज मरम्मत और नहरों को अतिक्रमण मुक्त करने के कार्य भी इस अभियान में शामिल होंगे। यह अभियान न केवल जल संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज में जल के महत्व को समझने और इसके संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में भी मदद करेगा।