फर्जीवाड़े की परतें खुलीं, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से आई सच्चाई सामने
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का उद्देश्य था कि उपभोक्ता देश के किसी भी हिस्से में राशन प्राप्त कर सकें, लेकिन इसी सुविधा का कई अपात्र उपभोक्ताओं ने दुरुपयोग किया। जानकारी के अनुसार, छतरपुर जिले के लगभग 5 हजार परिवार ऐसे मिले हैं, जो देश के 12 अन्य राज्यों दमन-दीव, गोवा, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में राशन प्राप्त कर रहे हैं, जबकि उनका नाम जिले की राशन सूची में भी दर्ज है।जिला आपूर्ति अधिकारी सीताराम कोठरे ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी अब तक नहीं हुई है, उन्हें जून माह में खाद्यान्न वितरण से वंचित रखा जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ई-केवाइसी प्रक्रिया पारदर्शिता के लिए जरूरी है और सभी पात्र उपभोक्ताओं को इसे जल्द से जल्द पूरा कराना चाहिए।
जिले के कौन-कौन से क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित?
जिले के विभिन्न तहसीलों में उपभोक्ताओं की संख्या के अनुसार स्थिति इस प्रकार है।-छतरपुर और राजनगर में सबसे अधिक राशन कार्ड धारक हैं।-बड़ामलहरा, गौरिहार और बिजावर भी इस सूची में उच्च स्थान पर हैं।- लवकुशनगर पांचवें स्थान पर है, जहां राशन उपभोक्ताओं की संख्या उल्लेखनीय है।- सबसे कम उपभोक्ता सटई और हरपालपुर में दर्ज किए गए हैं।अब भी पेंडिंग हैं 1.10 लाख ई-केवाइसी, कई बाहर रह रहे उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाएगा राशन जिले में कुल 86 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, लेकिन अभी भी 1 लाख 10 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी पेंडिंग है। इनमें बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो रोजग़ार, शिक्षा या अन्य कारणों से जिले से बाहर रह रहे हैं और अब तक ई-केवाइसी नहीं करा पाए हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को जून माह में राशन नहीं मिलेगा, जब तक कि वे अपने दस्तावेजों का सत्यापन नहीं करवा लेते। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बाहर रहने वाले उपभोक्ता बड़ी संख्या में अब केवाइसी के लिए जिले लौटने लगे हैं। कारण यह है कि यदि उनकी केवाइसी जून के अंत तक नहीं होती, तो उन्हें लगातार राशन से वंचित रहना पड़ेगा।
ई-केवाइसी से पारदर्शिता का रास्ता, असल लाभार्थियों को राहत
भारत सरकार की नीति स्पष्ट है सब्सिडी केवल असल पात्रों को मिले। यही वजह है कि पीडीएस व्यवस्था में अब कोई भी उपभोक्ता आधार और समग्र आईडी के बिना राशन नहीं ले सकता। इसका प्रमुख उद्देश्य दोहरा है। फर्जी राशन कार्ड धारकों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाना और जो उपभोक्ता वास्तव में जरूरतमंद हैं, उन्हें समय पर और पूरी मात्रा में अनाज उपलब्ध कराना। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि अपात्रों के हटने से अब वास्तविक हितग्राहियों को किसी प्रकार की कटौती या परेशानी नहीं होगी। साथ ही पीडीएस सिस्टम और अधिक प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी हो सकेगा।
पत्रिका व्यू
छतरपुर जिला हमेशा से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ी भूमिका निभाता रहा है, अब एक बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। ई-केवाइसी प्रक्रिया ने न केवल फर्जीवाड़े को उजागर किया है, बल्कि प्रशासन की पारदर्शिता लाने की दिशा में की गई कोशिशों को भी मजबूती दी है। अब ज़रूरत है कि बाकी बचे उपभोक्ता भी अपनी ई-केवाइसी जल्द से जल्द पूरी कराएं, ताकि उन्हें समय पर राशन मिले और व्यवस्था में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न रह जाए।