घोषणा के बाद भूमि आंवटन भी हुआ, लेकिन कोई फायदा नहीं
चार साल पहले सांसद ने नौगांव में केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा की थी, जिसके बाद शुरुआती कार्यवाही के रूप में भूमि आवंटन, पॉलिटेक्निक भवन और बीटीआई भवन का निरीक्षण किया गया था। हालांकि इसके बाद इस परियोजना पर कोई प्रगति नहीं हो पाई और यह पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चली गई। इस परियोजना का ठप होना नगरवासियों की उम्मीदों के खिलाफ साबित हुआ है, जिनकी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए यह विद्यालय एक अहम कदम था।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे मंत्री
खजुराहो में केंद्रीय विद्यालय को मंजूरी के बाद से सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ट्रोल हो रहे हैं। लोग यहां तक लिख रहे है कि मंत्री ने विद्यालय दिलाने के लिए प्रयास ही नहीं किए। इसलिए नए साल पर क्षेत्र में आए भी नहीं। सोशल मीडिया ुपर लोगों ने भी लिखा कि निरीक्षण केंद्रीय दल द्वारा बिना मंजूरी कैसे किया गया। सांसद ने नौगांव में केंद्रीय विद्यालय की घोषणा कर जनता के साथ मजाक किया है।
अब समाजसेवियों ने उठाई आवाज
इस बीच नगर के जागरूक समाजसेवी इंजीनियर महेश मंगू साहू और सनातन रावत ने इस मुद्दे को पुन: जीवित किया और नगर पालिका उपाध्यक्ष अजय दौलत तिवारी को इस मामले से अवगत कराया। तिवारी ने सांसद डॉ. वीरेंद्र खटीक को पत्र लिखकर इस मुद्दे को प्राथमिकता देने की अपील की। पत्र में यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि इस विद्यालय की आवश्यकता नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसे शीघ्र कार्यान्वित किया जाना चाहिए।
अच्छी शिक्षा की राह में बाधा
नौगांव और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते हैं। लेकिन इन स्कूलों की उच्च फीस के कारण कई मेधावी छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। अगर केंद्रीय विद्यालय स्थापित हो जाता है तो यह एक सस्ता और गुणवत्तापूर्ण विकल्प प्रदान कर सकता है, जिससे छात्रों के बेहतर भविष्य की राह प्रशस्त हो सकती है। यह विद्यालय न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करेगा, बल्कि छात्रों के लिए एक समान अवसर भी प्रदान करेगा।
जनप्रतिनिधि भी कर रहे मांग
नगर पालिका उपाध्यक्ष अजय दौलत तिवारी ने सांसद से आग्रह किया कि वे इस मामले में गंभीरता से विचार करें और केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए सभी बाधाओं को शीघ्र दूर करें। उनका कहना है कि यह विद्यालय केवल शिक्षा का एक नया केंद्र नहीं बनेगा, बल्कि यह नौगांव नगर के विकास का प्रतीक भी होगा। इसके खुलने से आसपास के क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव हो सकता है।
पत्रिका व्यू
नौगांव के केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की घोषणा कई सालों से सिर्फ कागजों में सीमित है, जिससे नगरवासियों की उम्मीदें टूटी हैं। अब इस सपने को साकार करने के लिए प्रशासन और सांसद की तरफ से शीघ्र ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि यह परियोजना जल्द से जल्द शुरू हो और जिले के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल सके।