कमांड सेंटर से निगरानी की मिलना है सुविधा
शहर में करीब 43 हजार बिजली कनेक्शन हैं। इनमें से 13 हजार कमर्शियल उपभोक्ता हैं। इनमें इंडस्ट्रियल सहित अन्य शामिल हैं। बाकी के 30 हजार घरेलू कनेक्शन हैं। स्मार्ट मीटर का सिर्फ नाम ही नहीं, इसमें कई स्मार्ट तकनीकों का भी उपयोग किया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रियल टाइम यूनिट मिल सकेगी। यानी एक-एक मिनट में खपत होने वाली यूनिट का हिसाब रहेगा। इस पूरे सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए एक कमांड सेंटर भी बनाने की कार्य योजना है। जहां से सभी मीटरों की निगरानी होगी। किसी भी तरह की छेड़छाड़ या फाल्ट होने पर तुरंत सूचना कंपनी को मिल जाएगी।
डिजीटल हो रही बिजली कंपनी
डिजिटल इंडिया की तर्ज पर बिजली कंपनी भी पूरी तरह डिजिटल मोड़ पर जा रही है। स्मार्ट मीटर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आगे चलकर अभी जहां बिजली बिलों का भुगतान पोस्टपेड हो रहा है, उसे प्रीपेड में शिफ्ट किया जा सकेगा। यानी मोबाइल रिचार्ज सिस्टम की तरह ही बिजली यूनिट के लिए रिचार्ज होगा। जितनी यूनिट और टैरिफ मिलेगा, उतनी बिजली उपभोक्ता खर्च कर सकेगा। हालांकि अभी यह सुविधा शुरू होने में समय लगेगा, लेकिन धीरे-धीरे सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटिक हो जाएगा।
स्विच से कंट्रोल होगी बिजली सप्लाई
बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से रीडिंग की गड़बड़ी से मुक्ति मिलेगी और सही बिल जनरेट होगा। मीटर रीडिंग की शिकायतें शून्य, बिजली बिल ज्यादा नहीं मिलेगा। सप्लाई बंद होने पर सिर्फ कंट्रोल रूम पर कॉल करना होगा और सप्लाई चालू कर दी जाएगी। वहीं बिजली कंपनी को भी मीटर से छेड़छाड़ करने पर अलर्ट कमांड सेंटर को मिलेगा। बिल जमा नहीं करने की स्थिति में कनेक्शन काटने के लिए कर्मचारियों को पोल पर चढऩा नहीं पड़ेगा, एक स्विच दबाते ही सप्लाई बंद हो जाएगी।
इनका कहना है
स्मार्ट मीटर लगाने का काम अभी चल रहा है। 30 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं, बाकी मीटर में करीब पांच महीने में लग जाएंगे।
प्रशांत, एई, बिजली कंपनी