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Train Hijack: बहुत ख़ौफ़नाक नज़ारा था, ट्रेन हाइजेक से छूटे बंधकों ने सुनाई कहानी,जान कर रोंगटे खड़े हो जाएंगे

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ट्रेन हाइजेक होने के बाद सेना व सरकार की मदद से छूटे बंधकों ने अपहरण के दौरान के
खौफनाक हालात बताए।

भारतMar 12, 2025 / 07:25 pm

M I Zahir

Train hijack Hostages

Train hijack Hostages

Pakistan Train Hijack:पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ट्रेन हाइजेक (Balochistan train hijack) होने के दौरान विद्रोहियों के हमले और बंधकों के खौफ की दास्तान सुनाई है। पाकिस्तान के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे विद्रोहियों ने बलूचिस्तान ( Balochistan) के एक दूरदराज के इलाके में रेलवे ट्रैक पर विस्फोट करने से ट्रेन को रुकना पड़ा और 500 यात्रियों को बंधक बना लिया गया था। दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान ( Pakistan) में ट्रेन की घेराबंदी (Pakistan train hijack) से मुक्त हुए बंधकों ने बताया कि वे सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए पहाड़ी इलाकों से घंटों पैदल चले, उन्हें अपने रिश्तेदारों को पीछे छोड़ना पड़ा, जिनसे वे अलग हो गए थे।

विद्रोहियों ने रेलवे ट्रैक पर विस्फोट किए थे

गौरतलब है कि पाकिस्तान के खिलाफ़ आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे विद्रोहियों ने बलूचिस्तान के एक सुदूर इलाके में रेलवे ट्रैक पर विस्फोट किए थे, जिससे ट्रेन रोकनी पड़ी और 450 से ज़्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया गया।

ट्रेन से कई बंधकों को मुक्त कराया गया

मुहम्मद बिलाल नामक यात्री ने एएफपी को बताया, “मैं यह बताने के लिए शब्द नहीं ढूंढ़ पा रहा हूं कि हम कैसे बच कर निकल पाए। यह भयानक था।” रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, बिलाल अपनी मां के साथ जाफ़र एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रहा था, जब यह विस्फोटकों की गोलीबारी में फंस गई। ट्रेन से कई बंधकों को मुक्त कराया गया है।


उन्होंने पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया

एक और यात्री अल्लाहदित्ता ने माच में ट्रेन स्टेशन पर एएफपी को बताया, “विद्रोहियों के ट्रेन में चढ़ने के बाद मैंने विस्फोट और उसके बाद गोलीबारी की आवाज सुनी।” स्टेशन पर प्रतीक्षा क्षेत्र को घायलों के उपचार के लिए अस्थायी अस्पताल में बदल दिया गया है। उधर 49 वर्षीय व्यक्ति ने कहा, “लोग घबरा कर सीटों के नीचे छिपने लगे। उन्होंने पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया। उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को जाने दिया, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि मैं हृदय रोगी हूं।”

बंदूकधारी पहचान-पत्रों की जांच कर रहे थे

अल्लाहदित्ता ने मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान का हवाला देते हुए कहा, “हम पहाड़ों के बीच से होते हुए बहुत दूर तक पैदल चले। मैंने आज सुबह से ही रोजा रखना शुरू किया है, लेकिन मैं अभी भी खुद को खाने के लिए तैयार नहीं कर पा रहा हूँ।” एक यात्री ने बताया कि बंदूकधारी पहचान-पत्रों की जांच कर रहे थे ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे किस प्रदेश के हैं या बाहर के हैं।

पहचान-पत्र और सर्विस कार्ड की जांच की

यात्रियों ने बताया, विद्रोही आए और पहचान-पत्र और सर्विस कार्ड की जांच की और मेरे सामने दो सैनिकों को गोली मार दी तथा अन्य चार को ले गए, मुझे नहीं पता कहां,” एक यात्री ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, जो निकटतम रेलवे स्टेशन तक चार घंटे पैदल चला।

जो पंजाबी थे, उन्हें विद्रोही ले गए

उन्होंने कहा “विद्रो​हियों ने पहचान-पत्र की जांच की और उसके बाद जो पंजाबी दिखे, उन्हें विद्रोही ले गए।” बंधक रहे यात्रियों ने बताया कि बचे हुए लोग मंगलवार की देर शाम ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होते हुए करीबी रेलवे स्टेशन पहुंचे और ईरान सीमा से लगभग 200 किलोमीटर (124 मील) दूर माच पहुंचे। बचे हुए लोगों को लेकर पहली ट्रेन मंगलवार की देर शाम पहुंची, जहां अर्धसैनिक बलों और डॉक्टरों ने उनका स्वागत किया।

एक पुलिसकर्मी को पांच बार गोली मारी गई

उधर पैरामेडिक काजिम फारूक ने कहा, “मैं दो (पुलिस) अधिकारियों का इलाज कर रहा हूं, जिनमें से एक पुलिसकर्मी को पांच बार गोली मारी गई, जबकि दूसरे के घुटने में चोट लगी है।”

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