प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी के मुताबिक प्लास्टिक से बनी कुछ चीजों पर पहले से ही प्रतिबंध लागू है। इनमें 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग, थैलियों के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक शामिल है। इसके अलावा एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉक, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसमें प्लास्टिक से बनी वो स्टिक (डंडी) भी शामिल हैं, जो गुब्बारे, ईयर बड, आइसक्रीम, कैंडी में इस्तेमाल होती हैं। प्लास्टिक के कप, गिलास, चम्मच, कांटे, चाकू, स्ट्रॉ और प्लास्टिक या पीवीसी से बने 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले बैनर पर भी रोक लगाई गई है।
इस प्रतिबंध के बावजूद बाजार में भी सिंगल यूज डिस्पोजल, प्लास्टिक-पॉलीथिन आधारित सामग्री तेजी से बिक रही है। नगर निगम के कर्मचारी ज्यादा दबाव आने पर औपचारिकता वश सीमित कार्रवाई कर देते हैं। ये सिंगल यूज डिस्पोजल व प्लास्टिक सामग्री कहां से आ रही है, इसके स्रोत का पता नहीं लगा पाए हैं। नगर निगम के कचरा प्लांट में हर दिन पांच टन कचरा अकेला पॉलीथिन-प्लास्टिक का है। गांवों में भी इसे जहां-तहां पड़े देखा जा सकता है।