एक आरोपी 2014 में साथ में करता था नौकरी
शिकायतकर्ता आशीष पिता मदन सोनी निवासी छोटी बाजार जो कि 2011 से 2014 तक मर्चेंट नेवी में नौकरी करता था, 2014 में पिता की मौत के बाद वह नौकरी छोडकऱ छिंदवाड़ा आ गया। इस प्रकरण का मुख्य आरोपी हरविंदर पिता पाल सिंह गिल निवासी भिकवंडी जिला तारण पंजाब भी आशीष सोनी काम करता था। आशीष सोनी ने बेरोजगार होने पर रोजगार के लिए हरविंदर गिल तथा लक्ष्य पिता योगेंदर शर्मा निवासी दिल्ली से संपर्क किया था। इस दौरान हरविंदर गिल तथा योगेंदर शर्मा ने आशीष सोनी को इंपोर्ट एवं एक्सपोर्ट व्यापार में कमीशन की राशि निकलवाने का झांसा दिया तथा 2014 से 2025 तक दो करोड़ 63 लाख रुपए की राशि ले ली।
सुप्रीम कोर्ट से लेकर प्रवर्तन निदेशालय के फर्जी दस्तावेज
कमीशन की राशि निकलवाने के लिए दोनों आरोपियों ने आशीष सोनी को सुप्रीम कोर्ट से लेकर प्रवर्तन निदेशालय के फर्जी दस्तावेज मोबाइल पर भेजे थे। इस दौरान आरोपियों ने इनकम टैक्स, आरबीआई, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस, एफआईक्यू सहित कई विभागों के फर्जी दस्तावेज बनाए तथा आशीष सोनी को भेजे। पुलिस ने जांच की तथा दोनों आरोपियों की तलाश में दिल्ली पहुंची थी। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा तथा उनके पास से मोबाइल, चार चैक, बैंक पासबुक तथा अन्य फर्जी दस्तावेज जब्त किए है।
इस टीम की रही सराहनीय भूमिका
कोतवाली पुलिस को दोनों ठगों को पकडऩे काफी मशक्कत करनी पड़ी है। इन आरोपियों को पकडऩे में कोतवाली टीआई उमेश गोल्हानी, एसआई नारायण बघेल, प्रधान आरक्षक युवराज रघुवंशी, रविंद्र ठाकुर, आरक्षक सागर मर्सकोले, सायबर प्रधान आरक्षक नितिन सिंह की मुख्य भूमिका रही है।