भक्तों का मानना है कि भगवान सांवलिया सेठ न सिर्फ आस्था के प्रतीक हैं बल्कि कारोबार में भागीदार भी। देशभर से व्यापारी लाभ होने पर भगवान को भेंट चढ़ाते हैं। माना जाता है कि मंदिर में हर साल औसतन 200 करोड़ रुपए से अधिक का चढ़ावा आता है। लोगों का मानना है कि यह भक्ति की नई शैली है, जो भावनाओं और विश्वास के साथ बदल रही है। चाहे वो हथकड़ी हो या रिवॉल्वर — हर भेंट में एक कहानी और आस्था छुपी है।