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चूरू

मरुस्थलीय जिले के खेतों की प्यास बुझाएगा सिंधु का पानी

भारत पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद न केवल चूरू बल्कि पश्चिमी राजस्थान और शेखावाटी के लोगों को बड़ी उम्मीद जगी हैं कि यहां के खेतों को सिंधु का पानी मिलेगा क्योंकि इस संदर्भ में केन्द्र सरकार ने एक बड़ी योजना पर काम करना भी शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार सिंधु का जम्मू कश्मीर का सरप्लस पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक पहुंचाने के लिए करीब 113 किलोमीटर नहर बनना प्रस्तावित है।

चूरूJul 10, 2025 / 12:48 pm

जमील खान

चूरू. थळी अंचल और शेखावाटी के लिए हरियाणा और राजस्थान सरकार के बीच यमुना लिंक परियोजना पर हुए समझौते अनुसार बनी डीपीआर के बाद एक ओर अच्छी खबर है यह है कि अब मरुस्थलीय जिले की बारानी कृषि भूमि की सिंधु का पानी प्यास बुझाएगा। 8 जुलाई को चूरू के जोड़ी गांव में अन्त्योदय शिविर के निरीक्षण और अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने न केवल यहां बल्कि श्रीडूंगरगढ़ के गुुसांईसर गांव में संभाग और शेखावाटी को सिंधु नदी से जुड़ने की बात कही। अंचल में हुए शिविर और सभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केवल बात ही नहीं की बल्कि मंच से घोषणा की कि शीघ्र ही इस क्षेत्र को सिंधु नदी का पानी मिलेगा। इसी क्रम में जोड़ी गांव के ग्रामीणों और जिलेवासियों ने मरुस्थलीय जिले को नहर से जोड़ने की मांग की। ग्रामवासियों ने तो तारानगर क्षेत्र में आए नहरी खाळों को चूरू तहसील से जोड़ने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना लिंक परियोजना से तो जिला जुड़ेगा ही इसके अलावा अब इस मरुस्थलीय क्षेत्र को सिंधु नदी का पानी भी मिलेगा।
पाक के साथ सिंधु जल संधि से बंधी उम्मीद

भारत पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद न केवल चूरू बल्कि पश्चिमी राजस्थान और शेखावाटी के लोगों को बड़ी उम्मीद जगी हैं कि यहां के खेतों को सिंधु का पानी मिलेगा क्योंकि इस संदर्भ में केन्द्र सरकार ने एक बड़ी योजना पर काम करना भी शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार सिंधु का जम्मू कश्मीर का सरप्लस पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक पहुंचाने के लिए करीब 113 किलोमीटर नहर बनना प्रस्तावित है। बताया जाता है कि यह नहर पाकिस्तान की ओर बह रहे पानी को राकेगी। इससे राजस्थान को सीधा लाभ मिलेगा। सूत्रों की माने तो इससे पहले जून माह में गृह मंत्री अमित शाह ने इस योजना के संकेत दिए थे कि आनेवाले वर्षों में राजस्थान के गंगानगर से सिंधु का पानी राजस्थान में प्रवेश करेगा।
सरकार ने जल परियोजना पर काम किया तेज

पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने जिले के हर खेत को मिले पानी पर बताया कि राज्य सरकार ने यमुना जल समझौता, इंदिरा गांधी नहर आदि परियोजनाओं को जहां सक्रिय किया है वही केन्द्र सरकार ने पहलगाम की घटना के बाद 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है। राजस्थान सरकार के साथ केन्द्र सरकार ने पाक को मिलनेवाले जल प्रवाह के रोकने के सक्रिय प्रयास किए है, इससे राजस्थान को बड़ा लाभ मिलनेवाला हैं। सरकार ने सिंध चिनाब, रावी व्यास सतलज लिंक परियोजना पर काम कर चुकी है।
हरिके बैराज तक आएगा पानी

राठौड़ ने बताया कि सिंध चिनाब का 20-30 मिलियल एकड़ फीट पानी राव और सतलज से जोड़कर पंजाब के हरिके बैराज तक लाने और इसे वर्तमान व्यवस्था के जरिये प्रदेश की इंदिरा गांधी तक पानी पहुंचाना प्रस्तावित है। इसके लिए 200 किलोमीटर लम्बी नहरे और 12 सुरंगे प्रस्तावित है जो पश्चिमी राजस्थान के एक दो नहीं दस से अधिक जिलों के खेतो को सिंचाई का पानी देंगी। इसलिए कहा जा रहा है कि हमारा पानी हमारे लोगों के लिए की महत्वाकांक्षा से बनी भारत की जल नीति से थळी और शेखावाटी अंचल आत्मनिर्भर बन सकता है।
भारतीय किसान संघ ने की मांग

भारतीय किसान संघ के प्रांत मंत्री श्रीचंद सिद्ध ने बताया कि राजस्थान और विशेषकर चूरू जिले को सिंधु नदी का खेतों की सिंचाई के लिए पानी देने की मांग की है। संघ के प्रतिनिधियों ने जिला शक्ति मंत्री से हर खेत को पानी के अपने मुद्दे पर चर्चा करते हुए चूरू को सिंधु नदी से जोड़ने की मांग की हैं। इस संबंध में संघ शीघ्र ही फिर केन्द्र सरकार से बात करेगा।

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