शनिवार सुबह विदाई के समय दूल्हे के पिता शगुन के रूप में एक रुपया और नारियल लेकर अपने बेटे की दुल्हन को विदा कर ले गए। शादी समारोह में आए रिश्तेदारों और एकत्रित परिवारजनों ने ताखर की इस सोच पर उन्हें साधुवाद दिया।
रामकुमार कस्वां ने बताया कि गुरूवार को ताखर की राजकीय सेवारत अध्यापिका बेटी पूनम चौधरी की शादी गांव मलवाणी नोहर में जसवंत सिहाग के राजकीय सेवारत अध्यापक बेटे अनिल सिहाग से हुई थी। उसमें भी इनकी बेटी के ससुराल पक्ष ने बिना दहेज लिए शादी कर शगुन के एक रुपया व नारियल लेकर विदाई ली थी।
रामकुमार कस्वां ने ताखर और महला परिवार को साधुवाद देते हुए कहा कि शादियों में हर साल फिजलूखर्ची और दहेज लेने-देने का सिलसिला बढ़ रहा है। ऐसे माहौल में समाज को आइना दिखाते हुए इस फैसले की हर तरफ सराहना हो रही है। मगर अब जरूरत दहेज न लेने की सोच को सोच तक सीमित न रखते हुए एक विचारधारा बनाने की है। तभी हमारी आने वाली पीढ़ी इस अभिशाप से मुक्ति पा सकेगी।