इस बात का है गर्व
यह पाकिस्तान का पहला बड़ा आईसीसी टूर्नामेंट था, इससे पहले उसने 1996 में भारत और श्रीलंका के साथ वनडे विश्व कप की सह-मेजबानी की थी। नकवी ने एक्स पर लिखा, “मैं समर्पित पीसीबी टीम, सतर्क एजेंसियों, सम्मानित आईसीसी अधिकारियों और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने वाली शानदार क्रिकेट टीमों के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं। पाकिस्तान इस इवेंट की मेजबानी करके बहुत गर्व महसूस कर रहा है और आपके योगदान ने वास्तव में इसे दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया है। यह टूर्नामेंट पाकिस्तान में तीन स्थानों – लाहौर, कराची और रावलपिंडी में खेला गया था, इसके अलावा भारत के मैच दुबई में हुए, जिसमें फाइनल मुकाबला भी शामिल है।”
फाइनल के बाद मंच पर नहीं था कोई पाकिस्तानी
पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी वसीम अकरम और शोएब अख्तर ने दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के पुरस्कार वितरण समारोह में उनकी अनुपस्थिति के लिए पीसीबी पर निशाना साधा। चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में पीसीबी या पाकिस्तान के क्रिकेट अधिकारी से कोई भी व्यक्ति किसी भी रूप में मौजूद नहीं था, जबकि पाकिस्तान मेजबान था। आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने विजेता कप्तान रोहित शर्मा को चैंपियंस ट्रॉफी सौंपी, जबकि बीसीसीआई प्रमुख रोजर बिन्नी ने चैंपियंस के सफेद ब्लेजर पेश किए। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया भी मंच पर मौजूद थे। अकरम ने कहा, “जहां तक मुझे पता है, चेयरमैन साहब की तबीयत ठीक नहीं थी, लेकिन वहां से जो लोग आए थे, वे सुमैर अहमद सैयद और उस्मान वाहला थे, लेकिन कोई भी मंच पर नहीं था। हम मेजबान थे, है न? पीसीबी के सीओओ या जो भी चेयरमैन साहब का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, वे मंच पर क्यों नहीं थे? क्या उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था? मुझे नहीं पता कि कहानी क्या है। यहां बैठे-बैठे मुझे यह निश्चित रूप से अजीब लगा। पाकिस्तानी, कोई न कोई मंच पर खड़ा होना बहुत जरूरी था। चाहे वो कप ना दे, चाहे वो मेडल ना दे, लेकिन किसी को तो वहां होना चाहिए था।