सीएसके की बल्लेबाजी इकाई में कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ के साथ राहुल त्रिपाठी, शेख रशीद, दीपक हुडा और आंद्रे सिद्धार्थ जैसे नाम शामिल हैं। विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी महेंद्र सिंह धोनी के पास होगी, जो इस बार अनकैप्ड खिलाड़ी के तौर पर टीम में शामिल हुए हैं। इसके अलावा, डेवोन कॉन्वे और वंश बेदी भी कीपिंग कर सकते हैं। ऑलराउंडर्स की बात करें तो इस बार टीम ने रविचंद्रन अश्विन को वापस शामिल किया है, जो रवींद्र जडेजा, सैम करन, शिवम दुबे, रचिन रविंद्र, विजय शंकर, जेमी ओवरटन, दीपक हुडा, श्रेयस गोपाल और रामकृष्ण घोष जैसे खिलाड़ियों के साथ मजबूत ऑलराउंड लाइनअप बनाते हैं।
गेंदबाजी में तेज गेंदबाजों की सूची में मथीशा पथिराना, खलील अहमद, नाथन एलिस, गुर्जपनीत सिंह, मुकेश चौधरी, कमलेश नागरकोटी और अंशुल कंबोज शामिल हैं। स्पिन विभाग में अश्विन और जडेजा के साथ नूर अहमद और श्रेयस गोपाल जैसे विकल्प मौजूद हैं। इस बार नीलामी में दीपक चाहर को छोड़कर टीम ने लगभग सभी जरूरी खिलाड़ियों को हासिल कर लिया है। सीएसके की सबसे बड़ी ताकत अनुभव और विशेषज्ञता का मिश्रण है। टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो मुश्किल परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यह टीम उन खिलाड़ियों को भी भरपूर मौका देती है जो अन्य टीमों में अपनी छाप नहीं छोड़ पाते, जैसे शिवम दुबे और अजिंक्य रहाणे ने पिछले सीजन में दिखाया। इस बार राहुल त्रिपाठी और दीपक हुडा पर भी ऐसा ही दांव खेला गया है।
ऑलराउंडर्स की भरमार इस टीम की एक और खासियत है। रचिन रविंद्र, शिवम दुबे, रविंद्र जडेजा और अश्विन जैसे खिलाड़ी बल्ले और गेंद दोनों से योगदान दे सकते हैं। धोनी और कॉन्वे का प्लेइंग इलेवन में खेलना भी टीम की गहराई को दर्शाता है। स्पिन गेंदबाजी में अश्विन, जडेजा और नूर अहमद का जोरदार अटैक है, जो टूर्नामेंट के आगे बढ़ने पर सूखी पिचों पर विपक्षी टीमों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। तेज गेंदबाजी में भी पथिराना और खलील जैसे नाम हैं और घरेलू मैदान पर सीएसके का रिकॉर्ड भी शानदार रहा है।
टीम में बड़े स्ट्राइक रेट वाले बल्लेबाज की कमी खल सकती है। हालांकि धोनी पिछले सीजन में कुछ गेंदों में ही छक्के लगाकर प्रभाव छोड़ते रहे हैं, लेकिन लंबी पारी खेलने वाले आक्रामक बल्लेबाज की जरूरत महसूस हो सकती है। हालांकि शिवम दुबे यहां जोरदार स्ट्राइकर के तौर पर भरपाई कर सकते हैं। धोनी के बाद सीएसके की कमान ऋतुराज गायकवाड़ के पास है और उनके पास कप्तानी में अपनी छाप छोड़ने का बड़ा मौका है। गायकवाड़ टीम के ओपनर भी हैं और उनको रिटेन करके सीएसके ने उन्हें लंबे समय तक टीम की कमान सौंपने का भरोसा भी दिखाया है। गायकवाड़ बल्ले से हिट हैं और इस सीजन में मैन इन यैलो के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। लेकिन यह सीजन बल्लेबाज गायकवाड़ से अधिक कप्तान गायकवाड़ के लिए बड़ा अवसर है। अगर यह धोनी का आखिरी सीजन होता है, तो टीम उन्हें ट्रॉफी के साथ विदाई देना चाहेगी। गायकवाड़ और कॉन्वे को गहरी बल्लेबाजी करने की जरूरत होगी ताकि टीम बड़े स्कोर खड़े कर सके।
चेन्नई की पिच शुरुआत में सपाट रहती है, जहां बल्लेबाजों को रन बनाने में आसानी रहती है। ऐसे में टीम दो स्पिनरों के साथ शुरुआत कर सकती है। जैसे-जैसे मौसम गर्म होगा और पिच टूट-फूट के संकेत देगी, तीन स्पिनरों का इस्तेमाल संभव है। पिछले सीजन में ओस का प्रभाव देखा गया था। चेन्नई सुपर किंग्स ने इस बार एक संतुलित टीम बनाई है, जिसमें अनुभव, ऑलराउंड क्षमता और शानदार गेंदबाजी आक्रमण मौजूद है। अगर बल्लेबाज गहराई तक टिकते हैं और ऑलराउंडर अपना जलवा दिखाते हैं, तो यह टीम एक बार फिर ट्रॉफी की प्रबल दावेदार बन सकती है। घरेलू मैदान का फायदा और रणनीतिक चयन इस सीजन में सीएसके को आगे ले जा सकते हैं, जिसमें स्पिनरों के अलावा मथीशा पथिराना जैसे गेंदबाज भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। डेथ ओवरों में उनकी गेंदबाजी टीम के लिए अहम भूमिका निभाएगी।
IPL 2025 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स
रुतुराज गायकवाड़, राहुल त्रिपाठी, शेख रशीद, दीपक हुडा, आंद्रे सिद्दार्थ, डेवोन कॉनवे, एमएस धोनी, वंश बेदी, रवींद्र जड़ेजा, शिवम दुबे, रविचंद्रन अश्विन, सैम कुरेन, रचिन रवींद्र, विजय शंकर, अंशुल कंबोज, जेमी ओवरटन, रामकृष्ण घोष, नूर अहमद, श्रेयस गोपाल, मथीशा पथिराना, खलील अहमद, कमलेश नागरकोटी, मुकेश चौधरी, गुर्जपनीत सिंह और नाथन एलिस।