‘पिच को लेकर नहीं थी कोई योजना’
गंभीर से पूछा गया कि क्या भारत को दुबई की परिस्थितियों के बारे में पता था, जब उन्होंने अपने 15-सदस्यीय दल में पांच स्पिनरों को चुना। हालांकि इनमें से तीन ऑलराउंडर हैं। गंभीर ने कहा, “सबसे पहले, यह हमारे लिए उतना ही सामान्य मैदान है, जितना किसी और टीम के लिए। हमने अन्य टीमों की तरह यहां उतना ही खेला है। मुझे याद नहीं कि हमने आखिरी बार यहां कब खेला था। और सच कहूं तो हमने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई थी। योजना यह थी कि अगर आप 15 खिलाड़ियों की टीम में दो मुख्य स्पिनर चुनते हैं, तो चाहे हम पाकिस्तान में या कहीं भी खेलते, हम दो मुख्य स्पिनर ही चुनेंगे क्योंकि यह उपमहाद्वीप में होने वाली एक प्रतियोगिता थी। उन्होंने आगे कहा, “इसलिए ऐसा नहीं है कि हम स्पिनरों का जाल बिछाना चाहते थे। अगर आप देखें तो हमने पहले दो मैचों में सिर्फ एक मुख्य स्पिनर को खिलाया। हमने इस मैच और पिछले मैच में दो मुख्य स्पिनर खिलाए। जहां तक ‘अनुचित फ़ायदे’ की बात है और इसके बारे में बहुत बहस हो रही है तो कैसा अनुचित फ़ायदा? हमने यहां एक दिन भी अभ्यास नहीं किया है, हम आईसीसी अकादमी में अभ्यास कर रहे हैं। वहां और यहां की परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। कुछ लोग सिर्फ हमेशा शिकायत करते रहते हैं, उन्हें समझदार होना चाहिए। मुझे लगता है कि ऐसा कुछ नहीं था कि हमें कोई अनुचित फायदा मिला हो।”
स्टीव स्मिथ ने नहीं की कोई शिकायत
यह कहना सही होगा कि हारे हुए कप्तान स्टीव स्मिथ उन शिकायत करने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने मैच से पहले भारत के किसी भी फायदे को कम करके आंका और बाद में भी जब उनसे इसके बारे में दोबारा पूछा गया तो उन्होंने कहा, “देखिए, मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। मुझे लगता है कि यह जैसा है, वैसा ही है। भारत ने यहां वाकई अच्छा क्रिकेट खेला। उनके पास जिस तरह के स्पिनर और तेज गेंदबाज हैं, यह पिच उनकी शैली के अनुकूल है। उन्होंने अच्छा खेला और हमें हराया। वे जीत के हक़दार हैं।”