ऑस्ट्रेलिया में भारत की सबसे बड़ी टेस्ट जीत
295 रनों से, पर्थ ऑप्टस स्टेडियम, 2024
222 रनों से, मेलबर्न, 1977
137 रनों से, मेलबर्न, 2018
72 रनों से, वाका, 2008
59 रनों से, मेलबर्न, 1981 भारत ने पर्थ की उछाल और गति वाली पिच पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 2021 में गाबा के बाद अब पर्थ का घमंड भी तोड़ दिया। दरअसल इससे पहले भारतीय टीम ने यहां चार मैच खेले थे और चारों में हार का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर यह रनों के अंतर से सबसे बड़ी जीत है। 295 रन से यह मुकाबला जीतने से पहले भारत ने मेलबर्न में 1977 में 222 रन से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2018 में भारत ने मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को 137 रन से हराया था।
534 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत बेहद खराब रही। डेब्यूटेंट नाथन मैकस्वीनी अपना खाता भी नहीं खोल सके और पारी के पहले ही ओवर में बुमराह का शिकार बने। फिर नाइटवाचमैन पैट कमिंस (2) को मोहम्मद सिराज ने पवेलियन भेजा। तीसरे दिन का आखिरी विकेट मार्नस लाबुशेन (3) के रूप में गिरा, जो बुमराह का शिकार बने।
चौथे दिन जब खेल ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट पर 12 से शुरू किया। इसके बाद मोहम्मद सिराज ने उस्मान ख्वाजा (4) को दिन के दूसरे ही ओवर में चलता कर दिया। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को 17 रन के स्कोर पर चौथा झटका लगा। इसके बाद स्टीव स्मिथ (17) और ट्रेविस हेड ने 67 रनों की चौथे विकेट के लिए साझेदारी की। लेकिन जब यह जोड़ी खतरनाक लग रही थी, तभी सिराज ने 79 के स्कोर पर स्मिथ को ऋषभ पंत के हाथों को कैच आउट करवा दिया।
इसके बाद खटरबक दिख रहे ट्रेविस हेड (89) का विकेट गिरा, उन्हें जसप्रीत बुमराह ने विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच आउट कराया। इसके कुछ देर बाद ही मिचेल मार्श (47) रन पर आउट हुए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को सातवां झटका लगा। मार्श नीतीश रेड्डी का टेस्ट क्रिकेट में पहला विकेट बने। 27 के स्कोर मिचेल स्टार्क (12) वॉशिंटन सुंदर की फिरकी में फंसकर आउट हुए। जो ऑस्ट्रेलिया टीम का आठवां झटका था।
ऑस्ट्रेलिया को 227 के स्कोर पर नौवां झटका लगा। वॉशिंगटन सुंदर ने नाथन लियोन को क्लीन बोल्ड किया। वह खाता भी नहीं खोल सके। वहीं आखिरी विकेट एलेक्स कैरी का गिरा। वे 36 रन बकर हर्षित राणा की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए। इस जीत के साथ भारत ने सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है।