मैकडोनाल्ड ने घटना के बाद कोंस्टास से बात की ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि 19 वर्षीय खिलाड़ी भारतीय टीम की प्रतिक्रिया से परेशान न हो। मैकडोनाल्ड ने कहा, “मैंने उससे बातचीत यह जानने के लिए थी कि क्या वह ठीक हैं। स्पष्ट रूप से जिस तरह भारत ने उस विकेट का जश्न मनाया वह काफ़ी डराने वाला था। यह स्पष्ट रूप से खेल के नियमों के दायरे में था। यहां कोई आरोप नहीं लगाया जा रहा है, लेकिन विपक्षी टीम का नॉन-स्ट्राइकर के चारों ओर इस तरह जमा होना… हमारे खिलाड़ी की मानसिक स्थिति सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है ताकि वह मैदान पर अच्छा प्रदर्शन कर सके।”
आईसीसी पर छोड़ा फैसला
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि भारत ने हद पार की, मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह स्पष्ट है कि यह स्वीकार्य था और नियमों के दायरे में था, क्योंकि उसके लिए कोई जुर्माना या सज़ा नहीं दी गई। इसलिए मैं इसे आईसीसी, एंडी पाइक्रॉफ्ट (मैच रेफ़री) और मैदान पर मौजूद अंपायरों पर छोड़ता हूं। अगर उन्हें यह संतोषजनक लगा तो ठीक है।” कोंस्टास ने दूसरे दिन की सुबह 23 रन बनाए, जिसमें बुमराह के ख़िलाफ़ सीधा ड्राइव और डीप थर्ड की ओर स्कूप शॉट भी शामिल थे। इसके बाद वह मोहम्मद सिराज की गेंद पर स्लिप में कैच आउट हो गए। जब कोंस्टास का विकेट गिरा तो बुमराह मिड-ऑन पर फ़ील्डिंग कर रहे थे, विकेट गिरने के बाद तुरंत भारतीय खिलाड़ियों के समूह की ओर नहीं गए और इसके बजाय कोंस्टास की दिशा में चलते हुए दिखे। प्रसिद्ध कृष्णा ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, “हमें उनके खेलने के तरीके़ में मज़ा आता है और हम भी आक्रामक तरीक़े से खेलना पसंद करते हैं। अगर हमारे सामने कोई कहता है कि मैं तुम्हारा सामना कर सकता हूं, तो एक टीम के रूप में हम यह दिखाना चाहते हैं कि हम यहां हैं और हमें हल्के में मत लो। तुम्हारे ख़िलाफ़ हम सभी 11 खिलाड़ी एकसाथ हैं। अगर तुम भी उतने ही आक्रामक हो सकते हो, तो ठीक है।”
रिकी पोंटिंग ने भी जताई थी नाराजगी
सिडनी में दूसरे दिन के खेल से पहले रिकी पोंटिंग ने कहा कि उन्हें कोंस्टास का पिछली शाम हुई घटना में शामिल होना पसंद नहीं आया। उन्होंने चैनल 7 को बताया, “मुझे कोंस्टास का इसमें शामिल होना पसंद नहीं आया। यह उनकी लड़ाई नहीं थी। यह ख़्वाजा और बुमराह के बीच था। मुझे उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलियाई ड्रेसिंग रूम से उस घटना के बारे में युवा खिलाड़ी के साथ बात की गई होगी, क्योंकि उन्हें इससे बाहर रहना चाहिए था और अपने सीनियर खिलाड़ी को आख़िरी कुछ गेंदें संभालने देना चाहिए था।”