चैंपियंस ट्रॉफी के नॉकआउट में भारत का दबदबा
खास यह है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ
चैंपियंस ट्रॉफी में दो नॉकआउट मुकाबले खेले हैं और दोनों में जीत हासिल की है। साल 1998 में टीम इंडिया ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 44 रन से हराया था। इसके बाद साल 2000 के क्वार्टर फाइनल में भी कंगारू टीम को 20 रन से शिकस्त दी थी।
16 साल बाद आमने-सामने
भारत और ऑस्ट्रेेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी में 16 साल बाद मुकाबला खेला जाएगा। दोनों टीमों के बीच आखिरी भिड़ंत 2009 में हुई थी, लेकिन बारिश के कारण यह मैच बेनतीजा रहा था। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से चार मैच खेले हैं। इसमें दो जीते, एक हारा और एक बेनतीजा रहा है।
टॉस बनेगा बॉस
दुबई में लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं होता। ऐसे में टॉस अहम भूमिका निभाएगा। लेकिन, मुश्किल यह है कि टीम इंडिया 2023 के बाद वनडे में लगातार 13 बार टॉस हारी है। ऐसे में आज सभी की निगाहें कप्तान रोहित शर्मा पर होंगी। बता दें कि सर्वाधिक टॉस जीतने का रिकॉर्ड पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग के नाम है, जिन्होंने सभी प्रारूपों में 324 मैचों में 170 बार टॉस जीता है। जीत का गुरुमंत्र: पहले बल्लेबाजी और 250 रन का लक्ष्य
दुबई में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम फायदे में रहती है। यहां की विकेट सूखी और स्पिनरो की मददगार है। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, पिच और धीमी होगी। ऐसे में बल्लेबाजों के लिए रन बनाना मुश्किल हो जाएगा। दुबई में अभी ओस भी नहीं पड़ रही है। ऐसे में दूसरी पारी में गेंदबाजी करना आसान है।
चार स्पिनरों के साथ कंगारू टीम पर होगा अटैक
भारतीय टीम चार स्पिनर अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मैदान पर उतर सकती है। यह रणनीति न्यूजीलैंड के खिलाफ सफल रही थी। ऐसे में तेज गेंदबाजी का जिम्मा मोहम्मद शमी और हार्दिक पंड्या के पास रहेगा।
रोहित-विराट की परीक्षा
भारतीय बल्लेबाजी का दारोमदार कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली पर रहेगा। रोहित तीन मैचों में सिर्फ 76 रन ही बना सके हैं। वहीं, विराट ने एक शतक से तीन मैचों में 133 रन बनाए हैं। ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण के सामने दोनों दिग्गज बल्लेबाजों के आगे बड़ी पारी खेलने की चुनौती होगी।