दरअसल भारत की बल्लेबाजी के दौरान ऑलराउंडर शिवम दुबे के हेल्मेट पर गेंद लग गई थी। जिसके बाद वे फील्डिंग के लिए नहीं आए। ऐसी स्थिति में भारत ने दुबे का कनकशन सब्स्टीट्यूट लिया और हर्षित राणा को उनकी जगह प्लेइंग 11 में शामिल कर लिया। राणा के फील्ड में आते ही मैच पूरी तरह से बदल गया और उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए चार ओवर में 33 रन देकर तीन विकेट लिए। जिसकी वजह से
इंग्लैंड यह मैच 15 रन से हार गया।
लेकिन इसके चलते आईसीसी का यह नियम सवालों के घेरे में आ गया। दरअसल जब भारत गेंदबाजी के लिए आया तो उनके पास एक तेज गेंदबाज कम था। शिवम दुबे फील्ड पर नहीं आय थे और उनकी जगह रमनदीप सिंह सब्सीट्यूट के तौर पर फील्डिंग कर रहे थे। तभी भारत ने शिवम दुबे का कनकशन सब्सीट्यूट ले लिया और हर्षित राणा फील्ड पर आ गए।
कनकशन सब्स्टीट्यूट नियम के तहत अगर मैच के दौरान किसी खिलाड़ी को सिर पर चोट लगती है तो उसकी जगह प्लेइंग 11 में उसी की तरह कोई अन्य खिलाड़ी को शामिल किया जा सकता। ऐसे में शिवम दुबे का कनकशन सब्सीट्यूट कोई उन्हीं की तरह होना चाहिए था, जो अच्छी बल्लेबाजी करता हो और पार्ट टाइम गेंदबाजी जनता करता हो। रिप्लेसमेंट लाइक टू लाइक होना चाहिए। यानी बल्लेबाज की जगह गेंदबाज नहीं शामिल हो सकता। रमनदीप सिंह इसमें फिट बैठते हैं।
लेकिन टीम मैनेजमेंट ने ऑलराउंडर की जगह फुलटाइम पेसर हर्षित राणा को चुना और मैच रैफरी ने इसकी अनुमति भी दे दी। हर्षित राणा की गेंदबाजी शिवम दुबे के मुक़ाबले ज्यादा अच्छी है और उनके फील्ड में आते ही यह मैच पूरी तरह से बदल गया। हर्षित राणा ने आते ही लियाम लिविंगस्टोन को अपना शिकार बनाया। इसके बाद जैकब बेथेल और जेमी ओवरटन को आउट कर इंग्लैंड से मैच छीन लिया। हर्षित के ऑलराउंडर होने पर सवाल उठना तय है।